loader

बिलकीस बानो की याचिका पर 13 दिसंबर को SC में होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट बिलकीस बानो की याचिका पर 13 दिसंबर को सुनवाई करेगा। बिलकीस बानो ने गुजरात सरकार के द्वारा सामूहिक बलात्कार के मामले में दोषी ठहराए गए 11 अभियुक्तों की रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उम्र कैद की सजा काट रहे इन 11 दोषियों को इस साल 15 अगस्त को रिहा कर दिया गया था। 

जस्टिस अजय रस्तोगी की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले में सुनवाई करेगी। दोषियों की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पहले से भी याचिकाएं दायर की गई थीं। 

'अच्छे आचरण' का तर्क

बिलकीस बानो के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में रिहा किए गए 11 दोषियों की रिहाई के पीछे उनके 'अच्छे आचरण' का तर्क गुजरात सरकार ने दिया था। गुजरात सरकार की ओर से जो हलफनामा सुप्रीम कोर्ट के सामने दिया गया था, उससे यह बात सामने आई थी कि दोषियों को जितने दिन की पैरोल या फरलो दी गई थी, वे उससे कहीं ज्यादा दिन तक जेल से बाहर रहे थे। 

ताज़ा ख़बरें

11 दोषियों में से 10 रिहा होने से पहले 1000 से ज्यादा दिन जेल से बाहर रहे थे जबकि 11वां दोषी 998 दिन बाहर रहा था। ये सभी पैरोल, फरलो या अस्थाई जमानत के नाम पर जेल से बाहर रहे थे। 

गुजरात सरकार के हलफनामे से पता चलता है कि एक दोषी मितेश चिमनलाल भट्ट जब जून 2020 में पैरोल पर था, उस दौरान उसके खिलाफ एक महिला ने शील भंग करने का मुकदमा दर्ज कराया था और इस मामले में जांच अभी भी लंबित है। इस बारे में दाहोद के एसएसपी ने जिला अदालत को जानकारी भी दी थी। 

जिन 11 लोगों को गुजरात सरकार द्वारा रिहा किया गया था, उनके नाम- जसवंत नाई, गोविंद नाई, शैलेश भट्ट, राधेश्याम शाह, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहानिया, प्रदीप मोरढिया, बाकाभाई वोहानिया, राजूभाई सोनी, मितेश भट्ट और रमेश चांदना हैं। 

दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के फैसले का जमकर विरोध हुआ था। इस मामले में 6000 से ज्यादा लोगों ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर कहा था कि बिलकीस बानो के दोषियों की रिहाई को रद्द कर दिया जाए।

बिलकीस बानो के साथ 3 मार्च, 2002 को भीड़ द्वारा सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। दुष्कर्म की यह घटना दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका में हुई थी। उस समय बिलकीस बानो गर्भवती थीं। बिलकीस की उम्र उस समय 21 साल थी।

bilkis bano release of convicts supreme court hearing - Satya Hindi

बिलकीस बानो से बलात्कार के मामले में इन सभी 11 दोषियों को लगातार पैरोल और फरलो मिलती रही। इससे पता चलता है कि दोषियों की जेल प्रशासन के अफसरों के साथ ही पुलिस और सरकार में भी गहरी पैठ थी। वरना जितने दिन की पैरोल और फरलो किसी कैदी को दी जाती है, कोई भी कैदी उससे कई गुना ज्यादा दिन आखिर कैसे बाहर रह सकता है। 

गवाहों को धमकियां 

द इंडियन एक्सप्रेस ने अगस्त के महीने में एक रिपोर्ट के जरिये बताया था कि इस मामले के 11 दोषी जेल में रहने के दौरान जब लगातार पैरोल और फरलो पर बाहर रहे थे तो उस दौरान कई गवाहों ने उन्हें धमकियां मिलने की शिकायत पुलिस से की थी।

देश से और खबरें

राहुल ने बोला था हमला 

दोषियों की रिहाई को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया था। राहुल ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं के साथ सिर्फ छल किया है। हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि पीड़ित अगर मुसलिम है तो बीजेपी के लिए कोई भी अपराध गंभीर नहीं है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें