loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
56
एनडीए
24
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
233
एमवीए
49
अन्य
6

चुनाव में दिग्गज

गीता कोड़ा
बीजेपी - जगन्नाथपुर

पीछे

पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व

आगे

बिलकीस के 11 दोषियों की रिहाई पर बनेगी सुप्रीम कोर्ट की विशेष बेंच

बिलकीस बानो मामले में जिन 11 दोषियों को समय से पहले रिहा करने का फ़ैसला किया गया था उस फ़ैसले के ख़िलाफ़ अब फिर से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का रास्ता साफ़ हो गया लगता है। दोषियों की रिहाई वाले गुजरात सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक विशेष पीठ गठित करने पर सहमति व्यक्त की है।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने बिलकीस का प्रतिनिधित्व करने वाली वकील शोभा गुप्ता को आश्वासन दिया कि नई पीठ का गठन किया जाएगा। यह दूसरी बार है जब शीर्ष अदालत ने एक विशेष पीठ गठित करने पर सहमति व्यक्त की है। इससे पहले फरवरी में भी शीर्ष अदालत ने ऐसी सहमति व्यक्त की थी।

ताज़ा ख़बरें

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार बिलकीस बानो की वकील एडवोकेट शोभा गुप्ता का दावा है कि इस मामले का पहले भी 4 बार उल्लेख किया जा चुका है लेकिन प्रारंभिक सुनवाई और नोटिस के लिए इसे अभी तक लिया जाना बाक़ी है। इस मामले का पहली बार 30 नवंबर, 2022 को उल्लेख किया गया था। इसके बाद इसे जस्टिस अजय रस्तोगी और बेला एन त्रिवेदी की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था। जस्टिस रस्तोगी ने पिछले फैसले को लिखा था जिसमें गुजरात को क्षमा याचिका पर फैसला करने की अनुमति दी गई थी। हालाँकि, न्यायमूर्ति त्रिवेदी ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। 

इसके बाद इस मामले का उल्लेख 14 दिसंबर 2022 को किया गया था और इसे इस साल 2 जनवरी को अस्थायी रूप से सूचीबद्ध किया जाना था। 20 जनवरी को गुप्ता ने फिर से मामले का ज़िक्र किया लेकिन निर्धारित तारीख़ों यानी 24 जनवरी और 31 जनवरी को संविधान पीठ के बैठने के कारण इस पर सुनवाई नहीं हो सकी।

रिपोर्ट के अनुसार अंत में 7 फरवरी को सीजेआई याचिकाओं पर सुनवाई के लिए एक विशेष पीठ गठित करने पर सहमत हुए। गुप्ता ने कहा, 'लेकिन मामला सूचीबद्ध नहीं है और अंतिम उल्लेख के 41 दिन बीत जाने के बावजूद कोई तारीख़ नहीं दिखाई जा रही है।'

बिलकीस बानो के साथ 3 मार्च, 2002 को भीड़ द्वारा सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। उनके परिवार के सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। यह घटना दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका में हुई थी। उस समय बिलकीस बानो गर्भवती थीं।

बिलकीस की उम्र उस समय 21 साल थी। तब बिलकीस और उसकी अन्य महिला रिश्तेदारों का सामूहिक बलात्कार किया गया, उसके 3 साल के बच्चे व 7 नाबालिगों सहित 14 सदस्यों को उसकी आँखों के सामने मार दिया गया था। इस मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे 11 दोषियों को पिछले साल 15 अगस्त को रिहा कर दिया गया था। 

बिलकीस बानो के साथ हुए सामूहिक बलात्कार मामले में 11 दोषी जब गुजरात सरकार की छूट नीति के तहत जेल से बाहर आए थे तो उन्हें रिहाई के बाद माला पहनाई गई थी और मिठाई खिलाई गई थी। इसी रिहाई मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई।

देश से और ख़बरें

मई 2022 में न्यायमूर्ति रस्तोगी की अगुवाई वाली एक पीठ ने फ़ैसला सुनाया था कि गुजरात सरकार के पास छूट के अनुरोध पर विचार करने का अधिकार था क्योंकि अपराध गुजरात में हुआ था। इस फैसले की समीक्षा के लिए बिलकिस बानो द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल दिसंबर में खारिज कर दिया था। इस बीच, सभी ग्यारह दोषियों को 15 अगस्त, 2022 को रिहा कर दिया गया। रिहा किए गए दोषियों का हीरो की तरह स्वागत किए जाने की तसवीरें सोशल मीडिया में वायरल हुईं। 

बिलकीस ने दोषियों की समय से पहले रिहाई को चुनौती दी। गुजरात सरकार ने एक हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि दोषियों के अच्छे व्यवहार और उनके द्वारा 14 साल की सजा पूरी होने को देखते हुए केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद यह फैसला लिया गया है। राज्य के हलफनामे से पता चला कि सीबीआई और ट्रायल कोर्ट (मुंबई में विशेष सीबीआई कोर्ट) के पीठासीन न्यायाधीश ने इस आधार पर दोषियों की रिहाई पर आपत्ति जताई कि अपराध गंभीर और जघन्य था।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें