loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
56
एनडीए
24
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
233
एमवीए
49
अन्य
6

चुनाव में दिग्गज

कल्पना सोरेन
जेएमएम - गांडेय

जीत

बाबूलाल मरांडी
बीजेपी - धनवार

जीत

यूनियन वॉर बुक में भीमा कोरेगाँव, यलगार परिषद के लोग राज्य के शत्रु

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, वकीलों और अकादमिक जगत से जुड़े कई लोगों को 'राज्य का शत्रु' (एनेमी ऑफ़ स्टेट) घोषित कर रखा है और उन्हें 'केंद्रीय युद्ध पुस्तिका' (यूनियन वॉर बुक) में शामिल कर लिया है। उनकी प्रोफाइलिंग की जा रही है और सामान्य अपराधियों की तरह उनका रिकॉर्ड रखा जा रहा है।   

यह पूरा काम केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर किया जा रहा है, लेकिन राज्य गृह मंत्रालय को यह अधिकार है कि वह इस सूची में नए नाम जोड़े और उनकी प्रोफाइलिंग करे। 

'द वायर' के अनुसार, महाराष्ट्र पुलिस ने भीमा कोरेगाँव मामले में बंद यलगार परिषद के कई लोगों को इस सूची में डाल रखा है और उनकी प्रोफाइलिंग की है। 

ख़ास ख़बरें

निशाने पर 53 लोग

उसने यलगार परिषद के सुरेंद्र गाडलिंग और शोमा सेन के अलावा वकील निहाल सिंह राठौड़, सुरेंद्र गाडलिंग की पत्नी मीनल गाडलिंग समेत 53 लोगों को निशाना बनाया है। 

यूनियन वॉर बुक की कैटगरी 'सी' में इन लोगों के नाम हैं और कहा गया है कि 'जब तक ज़रूरत होगी, इन पर निगरानी रखी जाएगी।'

इस मामले का खुलासा तब हुआ जब महाराष्ट्र पुलिस के तीन कांस्टेबल 7 जुलाई को राठौड़ के घर जा पहुँचे और उनसे कई तरह की जानकारियाँ माँगी। 

यूनियन वॉर बुक अंग्रेजों के शासनकाल में हुआ करता था और इसमें उनके नाम हुआ करते थे जो अंग्रजी राज के ख़िलाफ़ थे।
काफी दिनों तक बंद पड़े रहने के बाद केंद्र सरकार ने इसे निकाला है और महाराष्ट्र सरकार से इसे लागू करने और अपडेट करने को कहा है। 
bheema koregaon, elgar parishad activists on maharashtra police union war book - Satya Hindi

इस यूनियन वॉर बुक में 33 सवाल हैं, जो बैंक अकाउंट, सोशल मीडिया अकाउंट, पैन, आधार और दूसरी कई जानकारियों से जुड़ी हैं। 

वकील राठौड़ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को एक चिट्ठी लिख कर पूछा है कि उनका नाम इस सूची में क्यों है। 

यूनियन वॉर बुक में 18 तरह के संदिग्धों की सूची है। इनमें नक्सली, पाकिस्तान से सहानुभूति रखने वाले मुसलमान, पाकिस्तान से सहानुभूति रखने वाले ग़ैर-मुसलिम, लिबरेशन टाइगर्स, श्रीलंका के चरमपंथियों से सहानुभूति रखने वाले लोग हैं।

निगरानी क्यों?

इंडियन एसोसिएशन ऑफ़ पीपल्स लॉयर्स से जुड़े हर्षल लिंगायत  ने 'द वायर' से कहा कि वकीलों का काम पहले से ही सबके सामने है, वे किसकी पैरवी करते हैं और उस दौरान क्या कहते हैं, यह अदालत के रिकॉर्ड में है। इसके बावजूद उन पर नज़र रखने का क्या मतलब है। 

हर्षल और लिंगायत ने यूएपीए के कई मामलों में अभियुक्तों की पैरवी की है और समझा जाता है कि वे इस कारण ही इस सूची में डाल दिए गए हैं। 

वरिष्ठ वकील अनुराधा दुबे साधारण अपराध के मामले से जुड़े अभियुक्तों की पैरवी करती हैं, बार कौंसिल में हैं, उनका नाम भी इस सूची में है। 

नागपुर के प्रोफ़ेसर अरविंद शोभानी भी इस सूची में हैं जबकि वे नक्सल विरोधी हैं और उन्होंने भूमकाल नक्सल विरोधी संगठन की स्थापना की थी। 

नागपुर के पुलिस डिप्टी कमिश्ननर बासवराज तेली ने इस सूची की बात मानी ही नहीं है, यह भी कहा है कि उन्हें कहा गया था कि 10 जुलाई तक सूची को अपडेट कर देना है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें