भारत जोड़ो यात्रा को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ रोजाना एक नया शिगूफा छेड़ा जा रहा है। यह कभी बीजेपी की ओर से होता है तो कभी सरकार के किसी मंत्री या संस्था की ओर से। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ फोटो खिंचवाने के लिए बच्चे बहुत भारी संख्या में आ रहे हैं। तमाम बच्चे अपने पैरंट्स के साथ होते हैं। अब यह भी मुद्दा बन गया है।
पीटीआई की खबर के मुताबिक राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने केंद्रीय चुनाव आयोग (ईसीआई) से राहुल गांधी और उनकी पार्टी, कांग्रेस के खिलाफ शिकायत की है और जांच शुरू करने को कहा है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि राहुल गांधी ने कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' में बच्चों को 'राजनीतिक औजार' के रूप में 'दुरुपयोग' किया है।
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खबर के मुताबिक, शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस राजनीतिक इरादों से बच्चों को निशाना बना रही है और उन्हें राजनीतिक गतिविधियों में शामिल कर रही है।आरोपों का हवाला देते हुए, बाल अधिकार संस्था ने कहा कि कई "परेशान करने वाली तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे हैं, जिसमें यह देखा जा सकता है कि बच्चों को निशाना बनाया जा रहा है और 'भारत जोड़ो' के नारे के तहत एक राजनीतिक एजेंडे के साथ उनके अभियान में भाग लेने दिया जा रहा है।
बाल अधिकार संस्था ने कहा कि यह चुनाव आयोग के एक नियम का उल्लंघन है जिसमें कहा गया है कि केवल वयस्क ही राजनीतिक दल का हिस्सा हो सकते हैं।
चुनाव आयोग को लिखे पत्र में, बाल अधिकार निकाय ने कहा, चूंकि बाल अधिकारों का प्रथम दृष्टया उल्लंघन है। इसके अलावा, राजनीतिक एजेंडे को पूरा करने के लिए बच्चों का उपयोग बाल शोषण है जिसका गंभीर दीर्घकालिक प्रभाव हो सकता है उनका मानसिक स्वास्थ्य और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के खिलाफ है। आयोग आप से इस मामले को देखने और घटनाओं की गहन जांच करने और राजनीतिक दल और उसके सदस्यों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध करता है, जिनका उल्लेख शिकायत में किया गया है।
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राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा 7 सितंबर को शुरू हुई थी। इसके बाद से बीजेपी और मोदी सरकार के मंत्री और अन्य नेता हमलावर हैं। अब एक सरकारी संस्था भी इस मामले में कूद पड़ी है। राहुल गांधी के साथ जिन बच्चों और उनके मां-बाप की तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं, उन्हें देखकर ही लगता है कि बच्चों खुद से आए हैं या उनके माता-पिता लेकर आए हैं। तमाम बच्चे तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं के भी हैं। दिलचस्प ये है कि किसी भी बच्चे के घर से बाल अधिकार संस्था को शिकायत नहीं पहुंची है।
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