कोरोना वायरस की जिस दूसरी लहर के दौरान गंगा नदी में तैरते हज़ारों शवों की तसवीरें आई थीं, उसको लेकर अब एक संसदीय समिति की रिपोर्ट में कई दावे किए गए हैं। उस रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि समय पर रणनीति लागू की जाती तो कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान कई लोगों की जान बचाई जा सकती थी।
कोरोना की दूसरी लहर में कई जानें बच सकती थीं: संसदीय पैनल
- देश
- |
- |
- 13 Sep, 2022
कोरोना की दूसरी लहर में जिस तरह की तबाही आई थी और जितनी बड़ी संख्या में लोगों की जानें गई थीं, क्या वह नुक़सान कम हो सकता था? जानिए संसदीय पैनल ने क्या कहा है।

संसदीय पैनल ने स्थिति की गंभीरता का अनुमान नहीं लगाने के लिए सरकार की खिंचाई की है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य पर संसद की स्थायी समिति ने सोमवार को राज्यसभा में 137वीं रिपोर्ट पेश की है। इसमें उसने कहा है कि दूसरी लहर ज़्यादा मामलों, अधिक मौतों, अस्पतालों में ऑक्सीजन और बिस्तरों की कमी, महत्वपूर्ण दवाओं की आपूर्ति में कमी, ज़रूरी स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की कमी, सिलेंडरों व दवाओं जैसी चीजों की जमाखोरी व कालाबाजारी से प्रभावित थी।