पंद्रह राज्य, 110 ज़िले, 6,713 किलो मीटर लंबा रास्ता और 66 दिनों का सड़कों पर सफ़र ! जनता के बीच, जनता के लिए ! ‘लोकतंत्र के राम’ की देश की 140 करोड़ जनता के हृदयों में प्राण प्रतिष्ठा के लिए ! एक लगातार चलने वाली यात्रा। लोगों की आँखों में आँखें डालकर उनके आंसुओं में ख़ुशी और ग़मों की तलाश करने का यज्ञ। जनता से उसकी ही ज़ुबान में ही बातचीत करने की कोशिश। कोई छोटा-मोटा काम नहीं हो सकता। यह यात्रा उस चार हज़ार किलो मीटर के साहस से भिन्न है जिसे कन्याकुमारी से कश्मीर तक पैदल नापा गया था और जिसने देश भर में उम्मीदें जगा दी थीं कि चीजें और सत्ताएँ बदली जा सकतीं हैं। ज़रूरत सिर्फ़ एक ईमानदार संकल्प की है !
राहुल की यात्रा की सफलता-असफलता में भारत का भविष्य छुपा है?
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- 22 Jan, 2024
एक तरफ भाजपा के राम हैं जो जय श्रीराम हैं। दूसरी तरफ राहुल गांधी यानी कांग्रेस के राम हैं जो जय सियाराम हैं। राहुल के पास लोकतंत्र के राम हैं, जो भारत जोड़ो न्याय यात्रा में प्रत्यक्ष दिखाई पड़ रहे हैं लेकिन देश की मीडिया को नहीं दिखाई दे रहा है। वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग की अनुभवी लेखनी जन-जन के राम को राहुल गांधी की यात्रा के जरिए बताने की कोशिश कर रहे हैं। आप भी जानिए- जय सिया राम...
