ओलंपिक पहलवान साक्षी मलिक ने दावा किया कि भाजपा नेता बबीता फोगाट ने ही पहलवानों को बृज भूषण सिंह के खिलाफ विरोध शुरू करने के लिए उकसाया था। क्योंकि वो बृजभूषण की जगह भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) का अध्यक्ष बनना चाहती थीं। साक्षी मलिक ने एक इंटरव्यू में कहा कि बबिका फोगट ने ही कई पहलवानों के साथ एक बैठक बुलाई थी, जिसमें उनसे महासंघ के भीतर छेड़छाड़ की घटनाओं सहित भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध करने का आग्रह किया था।
साक्षी ने कहा, "बबीता फोगाट ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के विचार के साथ हमसे संपर्क किया क्योंकि उनका अपना एजेंडा था - वह डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बनना चाहती थीं। ऐसी अफवाहें हैं कि कांग्रेस ने हमारे विरोध का समर्थन किया, लेकिन यह गलत है। वास्तव में, दो भाजपा नेताओं ने हमें हरियाणा में विरोध प्रदर्शन की अनुमति दिलाने में मदद की - बबीता फोगाट और तीरथ राणा।"
साक्षी ने कहा "ऐसा नहीं है कि हमने आंख मूंदकर उनकी बात मानी, लेकिन हम जानते थे कि महासंघ के भीतर यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ जैसे गंभीर मुद्दे थे। हमारा मानना था कि एक महिला को प्रभारी बनाने से, खासकर बबीता फोगाट जैसी किसी खिलाड़ी को बनाने से महिला खिलाड़ियों को फायदा होगा। सकारात्मक बदलाव होगा। हमें भरोसा था कि वह हमारे संघर्षों को समझेगी लेकिन हमने कभी नहीं सोचा था कि वह हमारे साथ इतना बड़ा खेल खेलेंगी।" साक्षी मलिक ने कहा-"हमने सोचा कि वह विरोध प्रदर्शन में हमारे साथ बैठेंगी और एक साथी पहलवान के रूप में गलत काम के खिलाफ आवाज उठाएंगी।"
2016 रियो ओलंपिक पदक विजेता भारतीय पहलवान साक्षी मलिक ने अपने संस्मरण, विटनेस में अपने करियर के कुछ सबसे हृदय विदारक तथ्यों का खुलासा किया है। कुछ महीने पहले कुश्ती को अलविदा कहने वाली साक्षी मलिक ने डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एक सनसनीखेज दावा किया। अपनी आत्मकथा में, साक्षी ने 2012 में अल्माटी (कजाकिस्तान) में एशियाई जूनियर चैंपियनशिप की एक घटना का जिक्र किया, जहां तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण ने अपने होटल के कमरे में उनका यौन उत्पीड़न करने की कोशिश की थी।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में साक्षी की किताब के अंशों पर रोशनी डाली गई है। जिसमें कहा गया कि उन्हें अपने माता-पिता से फोन पर बात करने के बहाने ब्रृजभूषण के होटल के कमरे में भेजा गया था। लेकिन, बाद में जो हुआ वह उनके जीवन की सबसे दर्दनाक घटनाओं में से एक बन गया है।साक्षी कहती हैं- "बृजभूषण ने मुझे मेरे माता-पिता से फोन पर बात कराई। तब तक मुझे सबकुछ सामान्य लग रहा था। जब मैंने उनसे बात की और उन्हें अपने मैच और अपने मेडल के बारे में बताया। लेकिन मेरे कॉल खत्म करने के ठीक बाद, उसने छेड़छाड़ करने की कोशिश की। मैं उसके बिस्तर पर बैठी हुई थी तो मैंने उसे धक्का दे दिया और रोने लगी।
साक्षी ने आरोप लगाया, "उसके बाद वह पीछे हट गया। मुझे लगता है कि उसे एहसास हुआ कि वह जो चाहता था मैं उसके साथ नहीं जा रही थी। उसने कहना शुरू कर दिया कि उसने मुझे 'पापा जैसा' (एक पिता की तरह) अपनी बांहों में भर लिया है।" लेकिन मुझे पता था कि यह वैसा नहीं था, मैं रोते हुए उसके कमरे से बाहर भागी।
साक्षी मलिक ने किताब में लिखा है- "बचपन में मेरे साथ भी छेड़छाड़ हुई थी, लेकिन लंबे समय तक मैं अपने परिवार को इसके बारे में नहीं बता सकी क्योंकि मुझे लगता था कि यह मेरी गलती थी। मेरे ट्यूशन टीचर मुझे परेशान करते थे। वह मुझे क्लास के लिए अपने पास बुलाते थे।" अजीब समय पर और कभी-कभी मुझे छूने की कोशिश की, मैं अपनी ट्यूशन क्लास में जाने से डरती थी लेकिन मैं अपनी माँ को कभी नहीं बता सकी और यह लंबे समय तक जारी रहा और मैं इसके बारे में चुप रही।'' बाद में साक्षी ने इस घटना के बारे में अपनी मां को बताया।
वो आगे लिखती हैं- "मेरी मां ने न केवल ट्यूशन टीचर के साथ हुई घटना के दौरान मेरा समर्थन किया, बल्कि जब बृजभूषण शरण सिंह ने मेरा पीछा करना शुरू किया, मैंने मां को सारी बात बताई। मेरे माता-पिता ने भी मुझे सलाह दी। उन्होंने मुझे अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा। मैं आभारी हूँ कि कम से कम मुझे ट्रेनिंग जारी रखने की अनुमति दी गई।"
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