नागरिकता संशोधन क़ानून के अस्तित्व में आने के बाद विरोध की आवाज़ सबसे पहले असम से ही उठी थी और इसके ख़िलाफ़ हिंसक प्रदर्शन हुए थे। असम में कई जगहों पर प्रदर्शन आज भी जारी हैं और अब हालात यहां तक पहुंच चुके हैं कि सत्ताधारी दल बीजेपी के विधायकों को लोगों को जवाब देना मुश्किल हो रहा है।