सूत्रों ने कहा कि एनसीबी की विजिलेंस टीम की जांच में दावा किया गया है कि दोनों 'संदिग्ध गतिविधि' में शामिल थे और यही उनके निलंबन का कारण है। लेकिन किस तरह की संदिग्ध गतिविधियों में शामिल थे, यह स्पष्ट नहीं किया गया है।
एनसीबी टीम के खिलाफ जबरन वसूली के आरोपों के बाद, क्रूज ड्रग्स मामले सहित एनसीबी एसआईटी को पांच मामले सौंपे गए थे। एक उप-महानिदेशक स्तर के अधिकारी के तहत एक सतर्कता जांच भी शुरू की गई, जिसमें सिंह और प्रसाद और तत्कालीन क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े सहित कई अधिकारियों के बयान दर्ज किए गए।
ड्रग्स का यह कथित केस एनसीबी के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने दर्ज किया था। लेकिन इसके बाद वानखेड़े खुद विवादों में आ गए थे। उनके नाम से बार का लाइसेंस पाया गया। वो कई विवादों में फंसते गए। इसके बाद एनसीबी ने उन्हें वहां से हटा दिया। हाल ही में इस केस के अहम गवाह प्रभाकर सैल की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी लेकिन उनके वकील का कहना है कि दिल का दौरा पड़ने से प्रभाकर की मौत हुई थी। प्रभाकर वो गवाह था जिसने पहले कहा था कि आर्यन खान के पास से ड्रग्स नहीं मिली थी।
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