आर्यन खान ड्रग्स केस में नॉरकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने जब जांच शुरू की तो आर्यन ने जांच अधिकारी से पूछा, क्या मेरे साथ वाकई ये सब होना चाहिए। इंडिया टुडे मैगजीन ने इस संबंध में एनसीबी के जांच अधिकारी का इंटरव्यू किया। इंडिया टुडे की रिपोर्ट बताती है कि किस तरह बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान अपने बेटे आर्यन की दिमागी हालत को लेकर परेशान थे। इस केस की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं, जिससे पता चलता है कि किसी जांच एजेंसी का झूठ किसी युवक और उसके परिवार पर भारी पड़ता है। और यह मामला किसी आम आदमी का नहीं, एक ऐसे हाई प्रोफाइल शख्स का है जो आज भी बॉलीवुड का सुपर स्टार कहलाता है।
यह मामला आठ महीने तक चला। पहली बार शाहरुख की टिप्पणी सामने आई है। जांच टीम की जिम्मेदारी संभाल रहे सीनियर एनसीबी अधिकारी संजय सिंह से इंटरव्यू पर आधारित इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जांचकर्ता (आईओ) को आर्यन खान से सवालों की उम्मीद नहीं थी।
संजय सिंह ने कहा कि जब मैंने आर्यन खान से कहा कि वह "खुले दिमाग" के साथ आए हैं, तो 24 साल के आर्यन ने पूछा, सर, आपने मुझे एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्कर के रूप में प्रचारित कर दिया है, कि मैं ड्रग्स की तस्करी की फंडिंग करता हूं - क्या ये आरोप बेतुके नहीं हैं?
आर्यन ने जांच अधिकारी से कहा, उन्होंने उस दिन मेरे पास कोई ड्रग्स नहीं पाया, और फिर भी उन्होंने मुझे गिरफ्तार कर लिया। सर, आपने मेरे साथ बहुत गलत किया है और मेरी इज्जत को बर्बाद कर दिया है। मुझे तीन हफ्ते जेल में क्यों बिताने पड़े, क्या मैं वाकई इसके लायक था?
जब जांच अधिकारी संजय सिंह बाद में आर्यन खान के पिता शाहरुख खान से मिले, तो शाहरुख ने कहा कि वह अपने बेटे की मानसिक हालत को लेकर परेशान हैं। इंडिया टुडे के मुताबिक जांच अधिकारी से शाहरुख खान ने कहा कि आर्यन ठीक से सो नहीं पा रहा था और उन्हें रात भर उसके पास रहना पड़ा।
सुपरस्टार ने यह भी कहा कि उनके बेटे के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं होने के बावजूद उनके बेटे को 'बदनाम' किया जा रहा है। लगभग रुआंसे शाहरुख खान ने संजय सिंह से कहा, हमें बड़े अपराधियों और शैतान के रूप में पेश किया गया जो समाज को नष्ट करना चाहते हैं। ये आरोप हर दिन कोठर से कठोर होते गए।
यह चर्चित केस मुंबई के तट पर एक क्रूज पर छापे के साथ 8 महीने पहले शुरू हुआ था। जिसमें आर्यन की गिरफ्तारी हुई थी। आर्यन को तीन सप्ताह से अधिक जेल में काटना पड़ा। पूरे सबूत न मिलने की वजह से पिछले महीने एनसीबी ने आर्यन खान को सभी आरोपों से बरी कर दिया था।
आर्यन खान के खिलाफ कोई सबूत न मिलना और बेदाग निकल आना एजेंसी के लिए एक बड़ी शर्मिंदगी बन गई है। समीर वानखेड़े ने शुरुआत में इस मामले की जांच का नेतृत्व किया था। ऐसा लगता है कि आर्यन खान को किसी भी तरह फंसाने के लिए सारा तानाबाना बुना गया था। एजेंसी ने वानखेड़े के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है। लेकिन यह बड़ा सवाल है कि शाहरुख खान का जो मीडिया ट्रायल हुआ, उसका जिम्मेदार कौन है। शाहरुख और आर्यन की इज्जत पर जो आंच पहुंची, उसकी भरपाई किस तरह हो सकेगी।
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