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फाइल फोटो

अरविंद केजरीवाल ने राहुल और खड़गे को पत्र लिख कर की कांग्रेस की तारीफ 

कभी कांग्रेस के विरोध में ही राजनीति की शुरुआत करने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अऱविंद केजरीवाल ने अब कांग्रेस की तारीफ की है। यह तारीफ भी उन्होंने पत्र लिख कर की है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक का भी पद संभालने वाले अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस नेता सांसद राहुल गांधी को पत्र लिखा है। 
उन्होंने इन दोनों नेताओं को दिल्ली सेवा विधेयक पर संसद में साथ देने के लिए धन्यवाद दिया है। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा है कि संविधान के सिद्धांतों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दशकों तक याद रखा जाएगा। अरविंद केजरीवाल ने इस पत्र में लिखा है कि दिल्ली पर लाए गए विधेयक को आपकी पार्टी की ओर से खारिज किए जाने और इसके खिलाफ वोटिंग के लिए मैं दिल्ली के दो करोड़ लोगों की तरफ से कृतज्ञता वक्त करता हूं। उन्होंने संसद के बाहर और अंदर विधेयक के खिलाफ आवाज उठाने के लिए कांग्रेस पार्टी की तारीफ भी की है। 
अरविंद केजरीवाल ने दोनों नेताओं को भेजे अपने पत्र में लिखा है कि संसद के बाहर और अंदर दिल्ली के लोगों के अधिकार की आवाज जोरदार तरीके से उठाने के लिए मैं आपकी दिल से तारीफ करता हूं। मुझे यकीन है कि संविधान के सिद्धांतों के प्रति आपकी अटल निष्ठा को दशकों तक याद रखा जाएगा। इस पत्र के जरिए आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने संदेश दिया है कि वह अब आगे भी विपक्षी गठबंधन का हिस्सा बने रहेंगे। केजरीवाल ने लिखा है कि संविधान की अनदेखी करने वाली ताकतों के खिलाफ लड़ाई में आपका समर्थन मिलते रहने का विश्वास है। 
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भले ही दिल्ली सेवा विधेयक लोकसभा और राज्यसभा से पास हो गया  और आम आदमी पार्टी को उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिल पाई है लेकिन कांग्रेस और आप की दोस्ती अब आगे बढ़ने की उम्मीद है।  
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राज्यसभा में विधेयक के विरोध में पड़े थे 102 वोट

 लोकसभा से पास होने के चार दिन बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक सोमवार को राज्यसभा से भी पारित हो गया था। राज्यसभा में विधेयक के समर्थन में 131 सदस्यों ने वोट दिया था। बहुमत मिलने के बाद यह यहां से पारित हो गया।वहीं इसके विरोध में 102 सदस्यों ने वोट दिया था। संयुक्त विपक्ष ने इसका कड़ा विरोध किया लेकिन वह इसे पारित होने से रोकने में कामयाब नहीं हो सका। इसे केंद्र सरकार की विपक्ष पर बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है। विपक्षी एकजुटता के बाद माना जा रहा था कि राज्यसभा में इसको पारित करवाना सरकार के लिए मुश्किल होगा। विधेयक को एनडीए के घटक दलों के अलावा बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी  के सदस्यों का भी समर्थन मिला। इन दो पार्टियों के समर्थन से सरकार ने इसे आसानी से पास करवा कर अपनी ताकत दिखा दी थी।  
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अब केजरीवाल भी हैं विपक्षी  'इंडिया'  गठबंधन का हिस्सा

कांग्रेस सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन चलाकर दिल्ली की सत्ता में आए अरविंद केजरीवाल अब मोदी सरकार के खिलाफ बने विपक्षी गठबंधन में शामिल हो चुके हैं। विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समेत 26 दल हैं। इस विपक्षी गठबंधन की अब तक दो बैठकें हो चुकी हैं। पहली बैठक बिहार की राजधानी पटना में हुई थी। इसमें पहली बार केजरीवाल कांग्रेस नेताओं के साथ किसी बैठक में शामिल हुए थे। तब केजरीवाल ने विपक्ष से राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक के खिलाफ समर्थन मांगा था। कांग्रेस के इस पर कुछ स्पष्ट नहीं करने के बाद उन्होंने कहा था कि जब तक कांग्रेस राज्यसभा में विधेयक के विरोध में हमारा समर्थन करने की घोषणा नहीं करती है वह अगली बैठक में नहीं जाएंगे। बाद में कांग्रेस ने विधेयक के खिलाफ वोट करने का निर्णय लिया और केजरीवाल विपक्ष की बेंगलुरु बैठक में भाग लेने के लिए गए थे। अब विपक्षी गठबंधन की अगली बैठक मुंबई में होने वाली है। 

आप कांग्रेस को दो राज्यों में कर चुकी है सत्ता से बेदखल

आम आदमी पार्टी इससे पहले भी कांग्रेस से समर्थन ले चुकी है। दिल्ली में कांग्रेस के समर्थन से ही उसने पहली बार सरकार बनाई थी जो 49 दिन ही चल सकी थी। आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को दिल्ली की सत्ता से बेदखल किया था इसके बाद उसने पंजाब में भी कांग्रेस को हरा कर अपनी सरकार बनाई थी। इसके साथ ही उसने गुजरात, गोवा समेत कई राज्यों में कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाई है। आप की शुरुआती राजनीति कांग्रेस के खिलाफ ही रही है। इसके बावजूद दोनों दल मोदी सरकार को केंद्र की सत्ता से हटाने के लिए साथ आ गए हैं।
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क़मर वहीद नक़वी
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