नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर पिछले कई दिनों से देश भर में विरोध हो रहा है लेकिन बृहस्पतिवार को तो यह प्रदर्शन देश के कई हिस्सों में फैल गया है। बिहार के कई शहरों, बेंगलुरू, चंडीगढ़, हैदराबाद, लखनऊ, चेन्नई, पुणे आदि इलाक़ों में इस क़ानून के विरोध में जोरदार प्रदर्शन हो रहा है। विपक्षी दलों ने इस क़ानून को संविधान के ख़िलाफ़ बताया है और इसे वापस लेने के लिए कहा है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि वह लोगों की आवाज़ को बंद करने की कोशिश कर रही है। प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, ‘मेट्रो स्टेशन बंद हैं। इंटरनेट बंद है। हर जगह धारा 144 लागू है। किसी भी जगह आवाज़ उठाने की इजाजत नहीं है। जिन्होंने आज टैक्सपेयर्स का पैसा खर्च करके करोड़ों का विज्ञापन लोगों को समझाने के लिए निकाला है, वही लोग आज जनता की आवाज से इतना बौखलाए हुए हैं कि सबकी आवाज़ें बंद कर रहे हैं।’ उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि मगर आप इतना जान लीजिए कि जितना आप आवाज़ को दबाएँगे उतनी ही तेज़ आवाज उठेगी।
बीएसपी सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी केंद्र सरकार को चेताया है। मायावती ने ट्वीट कर कहा, ‘देश व व्यापक जनहित में केन्द्र को चाहिए कि वह नए नागरिकता क़ानून को वापस लेकर अर्थव्यवस्था की बदहाली, बढ़ती महंगाई व बेरोज़गारी, रुपये की गिरती क़ीमत आदि राष्ट्रीय समस्याओं को दूर करने पर ध्यान केंद्रित करे वरना जनता इनका भी हाल 2014 के कांग्रेस जैसा ही करने में देर नहीं करेगी।’
नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ दिल्ली में जोरदार प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनों को देखते हुए 15 मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही सरकार के आदेश पर दिल्ली के कई इलाक़ों में इंटरनेट को बैन कर दिया गया है और कॉल करने और मैसेज करने की सुविधा को भी बंद कर दिया गया है।
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