दिल्ली के शाहीन बाग़ में नागरिकता संशोधन क़ानून, एनपीआर और एनआरसी के ख़िलाफ़ लगातार चल रहे धरना-प्रदर्शन को तीन महीने पूरे हो चुके हैं। इस दौरान इस प्रदर्शन ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। कई बार प्रदर्शन के दौरान गड़बड़ी फैलाने की कोशिश हुई। एक बार गोली चली। एक बार हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने यहाँ आकर नारेबाज़ी की। कुछ हिंदू संगठनों ने पहली मार्च को ज़ोर-ज़बरदस्ती से इस प्रदर्शन को हटाने का एलान किया था लेकिन पुलिस ने उन्हें सख़्ती से रोक दिया। फ़िलहाल शाहीन बाग़ का यह धरना-प्रदर्शन जारी है।
सीएए: शाहीन बाग़ प्रदर्शन के 3 महीने पूरे; इस पर अब शोर क्यों नहीं?
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- 15 Mar, 2020

दिल्ली के शाहीन बाग़ में नागरिकता संशोधन क़ानून, एनपीआर और एनआरसी के ख़िलाफ़ लगातार चल रहे धरना-प्रदर्शन को तीन महीने पूरे हो चुके हैं। इस दौरान इस प्रदर्शन ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं।
क़रीब 50 मीटर लंबे बने पंडाल के भीतर अब महिलाओं की पहले जैसी भीड़ नहीं दिखाई देती। महीने भर पहले तक जहाँ यह पंडाल महिलाओं से खचाखच भरा रहता था। पैर रखने की जगह नहीं होती थी। अब उस तरह की भीड़ नहीं है। लेकिन अभी भी 700-800 महिलाएँ लगातार धरने पर बैठी रहती हैं। 90 दिन पूरे होने के मौक़े पर पंडाल में 90 दिन का एक पोस्टर भी टांग दिया गया है।