केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सोमवार से लागू हुए तीन नए आपराधिक क़ानूनों में सज़ा की जगह न्याय ने ले ली है। देश की आपराधिक क़ानून-व्यवस्था की समीक्षा करने की कवायद का नेतृत्व करने वाले अमित शाह ने मीडिया से कहा कि आजादी के 77 साल बाद देश में पूरी तरह से स्वदेशी कानून व्यवस्था है। अमित शाह ने विपक्ष से नए आपराधिक कानूनों का राजनीतिकरण करने से बचने को कहा। उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन करने से पहले बातचीत की जानी चाहिए।
विपक्ष से बोले शाह- नए आपराधिक क़ानूनों को राजनीतिक रंग देना ठीक नहीं
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- 1 Jul, 2024
विपक्ष का आरोप है कि बिना बहस के नए आपराधिक कानून पारित हुए हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि पारित होने के दौरान 146 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। जानें अमित शाह ने क्या जवाब दिया।

अमित शाह ने कहा, 'मैं विपक्षी नेताओं से अनुरोध करता हूँ कि वे समझें कि राजनीतिक जुड़ाव के लिए पर्याप्त अवसर होंगे और हम आपकी चिंताओं को दूर करने के लिए तैयार हैं। हालांकि, ये कानून न्याय और नागरिक सम्मान के लिए महत्वपूर्ण हैं, इसलिए आपका सहयोग ज़रूरी है।' उन्होंने यह भी कहा कि उनका कार्यालय विपक्षी नेताओं के साथ बातचीत के लिए हमेशा खुला है। गृहमंत्री ने कहा, 'लेकिन मेरा मानना है कि पहले बैठक और चर्चा किए बिना विरोध में सड़कों पर उतरना उचित नहीं है।'