कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बुधवार को मीडिया से कहा था कि अगले 24 से 30 घंटे में अमेठी और रायबरेली से कांग्रेस प्रत्याशियों की घोषणा कर दी जाएगी। यह अधिकार सीईसी चेयरमैन मल्लिकार्जुन खड़गे को दिया गया है। लेकिन ताजा घटनाक्रम में गांधी परिवार के नजदीकी माने जाने वाले केएल शर्मा गुरुवार 2 मई को अमेठी पहुंचे। वहां उन्होंने बयान दिया। उनका वीडियो बयान न्यूज एजेंसी एएनआई ने जारी किया है।
गांधी परिवार के प्रतिनिधि केएल शर्मा ने कहा- "हम उनके फैसले का इंतजार कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि गांधी परिवार का कोई सदस्य यहां से चुनाव लड़े... हम सभी प्रयास कर रहे हैं। हमारी पूरी तैयारी जारी है।" केएल शर्मा के इस बयान के कई मतलब निकाले जा सकते हैं। एक तो यही कि अंतिम क्षणों में प्रियंका गांधी वाड्रा रायबरेली से आकर नामांकन कर देंगी। राहुल के चुनाव लड़ने की संभावना क्षीण है। दूसरा चौंकाने वाला मामला यह हो सकता है कि इन दोनों सीटों पर किन्हीं अन्य नामों की घोषणा की जाए। लेकिन अब जरा एक और ताजा घटनाक्रम पर गौर फरमाएं।
राहुल गांधी गुरुवार 2 मई की सुबह कर्नाटक और अन्य स्थानों पर रैली संबोधित करने रवाना हो गए। इस समय उनकी रैली कर्नाटक में चल रही है। इसी तरह राहुल गांधी की 3 मई को महाराष्ट्र और उड़ीसा में रैलियां हैं। अमेठी और रायबरेली में 3 मई को नामांकन का अंतिम दिन है। राहुल गांधी के इस चुनावी कार्यक्रम में कहीं भी अमेठी जाने का जिक्र नहीं है। इस तरह राहुल की अमेठी या रायबरेली से लड़ने की संभावना कुल मिलाकर खारिज हो रही है। लेकिन अंतिम क्षणों में सरप्राइज यही हो सकता है कि राहुल पूरा कार्यक्रम स्थगित कर सीधे अमेठी या रायबरेली पहुंचे और पर्चा भर दें। हालांकि राहुल को तमाम राजनीतिक विश्लेषकों, उनके सलाहकारों ने यह सलाह दी गई कि वो ऐसा हर्गिज न करें। यानी वहां से चुनाव नहीं लड़ें। वायनाड काफी है। पूरा फोकस चुनाव रैलियों पर करें। क्योंकि मीडिया का खास तबका अमेठी और रायबरेली की कांग्रेस उम्मीदवारी को हवा दे रहा है।
दूसरा घटनाक्रम प्रियंका गांधी वाड्रा को लेकर है। प्रियंका की गुजरात में 3 मई को होने वाली रैलियां स्थगित हो गई हैं। बनासकांठा में होने वाली प्रियंका की रैली अब 4 मई को होगी। प्रियंका 3 मई को यूपी जा रही हैं। यह प्रबल संभावना है कि वो लखनऊ में प्लेन से उतकर सीधे रायबरेली जाकर नामांकन कर दें। भाजपा ने भी अभी तक रायबरेली से अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। दोनों पार्टियां लगता है जनता की भावनाओं को टेस्ट कर रही हैं। यानी रायबरेली में शुक्रवार 3 मई को कांग्रेस और भाजपा दोनों ही चौंकाने वाले काम कर सकते हैं।
अमेठी को लेकर कांग्रेस के स्थानीय नेताओं और प्रदेश स्तरीय कई नेताओं के बयान सामने आते रहे हैं। जिनमें राहुल और प्रियंका से चुनाव लड़ने का आग्रह किया गया। इन बयानों को मीडिया ने काफी महत्व दिया। इसके बाद रॉबर्ट वाड्रा की एंट्री हो गई। वाड्रा ने अमेठी का दौरा करके खुद को संभावित प्रत्याशी की सूची में भी शामिल कर लिया। रॉबर्ड वाड्रा के बयान से अमेठी को मीडिया ने फिर कुछ ज्यादा ही महत्व दिया। लेकिन कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि रॉबर्ट वाड्रा कभी भी अमेठी या बरेली से प्रत्याशियों की संभावित सूची में भी नहीं थे। न ही उनके नाम का कोई प्रस्ताव प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भेजा था। अमेठी का मामला तूल पकड़ने का नतीजा यह हुआ कि स्मृति ईरानी अब अमेठी में बंधकर रह गई हैं। वे स्टार प्रचारकों की भाजपा सूची में हैं। लेकिन अब उन्हें अमेठी के गांवों की धूल फांकनी पड़ रही है और उनके भाषण राहुल और गांधी परिवार पर केंद्रित रहते हैं।
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