उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से तबाही के बीच युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया है। आईटीबीपी और सेना के जवानों के बाद अब वायु सेना भी इस काम में जुट गई है। इससे पहले राज्य की आपदा नियंत्रण वाली एसडीआरएफ़ और राष्ट्रीय स्तर की एनडीआरएफ़ की टीमें भी पहुँचीं।
यह दुर्घटना जोशीमठ से मलारी की ओर क़रीब 20 किलोमीटर पर हुई है। घटना सुबह क़रीब 10 बजे हुई है।
राहत और बचाव कार्य में जुटे इंडो-तिब्बत बॉर्डर पेट्रोल यानी आईटीबीपी ने कहा है कि 9-10 शव पाए गए हैं और क़रीब 150 लापता हैं। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा है कि तपोवन बांध में फँसे लोगों को निकालकर पुलिस ने सुरक्षित स्थानों पर भेजा है।
हादसे के बाद अधिकारियों ने कहा कि भारतीय सेना के छह कॉलम यानी लगभग 600 जवान पहले से ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की ओर बढ़ रहे थे। सेना ने सरकार के अभियानों को सहयोग देने के लिए हेलिकॉप्टर भी तैनात किए हैं।
'एएनआई' के अनुसार, वायुसेना के अधिकारियों ने कहा कि भारतीय वायु सेना (आईएएफ़) के दो एमआई -17 और एक एएलएच ध्रुव हेलिकॉप्टर सहित तीन हेलिकॉप्टर बचाव कार्यों के लिए देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में तैनात हैं। उन्होंने कहा है कि ज़रूरत के अनुसार अधिक विमान तैनात किए जाएँगे।
आईटीबीपी के प्रवक्ता ने कहा है कि स्थानीय प्रशासन के साथ 200 से ज़्यादा जवान बचाव कार्य में जुटे हैं। उन्होंने कहा है कि स्थिति नियंत्रण में है।
बता दें कि ग्लेशियटर टूटने से तपोवन बैराज पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। ऋषि गंगा नदी पर बना ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट के डैम का एक हिस्सा टूट गया है। क्षेत्र में कई घरों के बह जाने की आशंका है। कई लोगों के भी बहने की आशंका जताई गई। हादसे के बाद आसपास के क्षेत्रों को खाली कराया गया जिससे ज़्यादा तबाही होने से बचाया जा सके। निचले इलाक़े और हरिद्वार व ऋषिकेष में अलर्ट जारी किया गया।
हादसे के बाद एसडीआरएफ़ की सीईओ रिद्धिमा अग्रवाल ने कहा था, 'पानी के तेज़ बहाव में ऋषि गंगा और धौलीगंगा प्रोजेक्ट के क़रीब 150 लोगों के लापता होने की ख़बर है। पावर प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने प्रशासन से कहा है कि क़रीब 150 लोगों का पता नहीं चल पा रहा है। बचाव टीम को लोगों को निकालने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि वह स्थिति पर नज़र रखे हुए हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने भी स्थिति का जायजा लिया है और कहा है कि मदद में किसी भी तरह की कमी नहीं रहने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि वह स्थिति पर लगातार नज़र रखे हुए हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फँसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की ज़रूरत है तो आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 1070 या 9557444486 पर संपर्क कर सकते हैं।
अपनी राय बतायें