अग्निपथ योजना को लेकर देशव्यापी विरोध के बावजूद देश के तमाम उद्योगपति और इंडस्ट्रीज एसोसिएशन इसका समर्थन कर रही हैं। महिन्द्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिन्द्रा लगातार इस योजना का समर्थन कर रहे हैं। महिन्द्रा ग्रुप देश की पहली ऐसी कंपनी बन गई है जिसने सेना से चार साल के बाद निकलने वाले अग्निवीरों को नौकरियां देने का ऐलान किया है। हालांकि प्राइवेट सेक्टर कितने पूर्व सैनिकों को नौकरियां देता रहा है, उसका डेटा उपलब्ध नहीं है। यानी पूर्व सैनिकों को लेकर इंडस्ट्री का क्या रवैया रहा है, जो अब इस स्कीम से बदल जाएगा, उसका कोई खाका मौजूद नहीं है।
महिन्द्रा समूह के अध्यक्ष आनंद महिन्द्रा ने ट्वीट करके अग्निवीरों को नौकरी देने का वादा किया है। हालांकि अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे युवाओं का कहना है कि अग्निपथ योजना से देश में बेरोजगारी दर बढ़ेगी और उनके करियर में अनिश्चितता भी आएगी।
आनंद महिन्द्रा ने सोमवार को कहा, जब पिछले साल इस योजना को पेश किया गया था, तो मैंने कहा था, और उसे फिर से दोहराना चाहता हूं कि अग्निवीरों का अनुशासन और कौशल उन्हें प्रमुख रूप से रोजगार योग्य बना देगा। उन्होंने कहा कि वह अग्निपथ को लेकर हुई हिंसा से दुखी हैं। देश के इस बड़े बिजनेस टाइकून ने कहा, महिन्द्रा समूह ऐसे प्रशिक्षित और सक्षम युवाओं की भर्ती के अवसर का स्वागत करता है।
आनन्द महिन्द्रा का यह बयान केंद्र सरकार और सेना प्रमुखों के बयान का एक तरह से विस्तार है। केंद्र सरकार और तीनों सेना प्रमुख लगातार कह रहे हैं कि प्राइवेट सेक्टर में भी अग्निवीरों को नौकरियां मिलेंगी। आनन्द महिन्द्रा के बयान से उसकी पुष्टि हो गई है। यहां सवाल ये भी है कि आखिर महिन्द्रा ग्रुप अग्निवीरों को नौकरियां क्यों देना चाहता है। वजह साफ है कि उद्योगपतियों को प्रशिक्षित लोग ही चाहिए होते हैं, लेकिन छोटे कामों के लिए उन्हें जो लेबर मिलती है, वो इतनी प्रशिक्षित नहीं मिलती। अग्निवीर कम से कम अनुशासित शख्स के रूप में वहां से निकलेंगे। इंडस्ट्री को बिना खर्च किए छोटे काम के लिए अग्निवीर मिल जाएंगे। लेकिन इससे असंतुलन भी आएगा, अभी तक यूपी, बिहार, बंगाल, उड़ीसा के लोग सस्ती लेबर के रूप में इंडस्ट्री को मिल जाते हैं। लेकिन धीरे-धीरे उनकी जगह अग्निवीर ले सकते हैं।
आनन्द महिन्द्रा से ट्विटर पर ही एक यूजर ने पूछा कि महिन्द्रा ग्रुप एग्निवीरों को क्या नौकरी देगा। आनंद महिंद्रा ने जवाब दिया, कॉर्पोरेट क्षेत्र में अग्निवीरों के रोजगार की बड़ी संभावनाएं हैं। नेतृत्व, टीम वर्क और शारीरिक प्रशिक्षण के साथ, अग्निवीर उद्योग को बाजार के लिए तैयार पेशेवर समाधान दे सकते हैं, जिसमें संचालन से लेकर प्रशासन और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन तक का पूरा स्पेक्ट्रम शामिल है। लेकिन आनन्द महिन्द्रा कोई डेटा नहीं दे सके कि अतीत में उनकी कंपनी ने या अन्य कंपनियों ने कितने पूर्व सैनिकों को नौकरियों पर रखा है।
आनन्द महिन्द्रा के इस स्पष्टीकरण से साफ है कि अग्निवीरों को खासतौर पर ऑपरेशन के काम में रखा जाएगा। जिसमें सामान की सुरक्षा आदि प्रमुख हैं। इसी बात को बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने घुमा फिराकर कहा था कि अग्निवीरों को तमाम संस्थानों में काम मिलेगा। जैसे बीजेपी दफ्तर की सुरक्षा जिम्मेदारी उन्हें सौंपी जा सकती है। यानी उन्हें गार्ड के तौर पर बीजेपी दफ्तरों पर तैनात किया जा सकता है।
बहरहाल, केंद्र सरकार आंदोलनकारियों को शांत करने के लिए अग्निवीरों के लिए कई रियायतों की भी घोषणा लगातार कर रही है। केंद्र ने आवश्यक पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले अग्निवीरों के लिए रक्षा मंत्रालय में 10% नौकरी को आरक्षित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स की भर्ती में उन्हें प्राथमिकता देने का भी फैसला किया।
असम, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और कर्नाटक जैसी कई राज्य सरकारों ने राज्य सरकार की नौकरियों में अग्निशामकों को प्राथमिकता देने की घोषणा की है।
इसी के साथ सेना ने साफ कर दिया है कि अग्निपथ स्कीम को किसी भी हालत में वापस नहीं लिया जाएगा। जो लोग हिंसा में शामिल हैं और उनके नाम अगर एफआईआर में हैं तो उन्हें अग्निपथ स्कीम में कोई मौका नहीं दिया जाएगा।
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