संसद का बजट सत्र चल रहा है। गहमा-गहमी जारी है। पक्ष और विपक्ष सब एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। सरकार अपने गुणगान कर रही है तो विपक्ष उसके काम को शून्य बताने पर तुला हुआ है। इस सबके बीच कुछ ऐसा भी हो रहा है जो शायद भारतीय संसद के इतिहास में अभूतपूर्व है।