भारत के कारोबारी जगत में कुछ चीजे राजनीति और सरकार से सीधे जुड़ी हुई हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च अडानी विवाद में जनवरी 2024 में अडानी समूह को राहत मिली। मार्च में आम चुनाव 2024 का ऐलान हुआ। अप्रैल-मई चुनाव में खर्च हो गए। जून में मोदी एक बार फिर एनडीए वाले रास्ते से सस्ता में आ गए। जुलाई में हमें यह पता चल रहा है कि मार्केट रेगुलेटर सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च को नोटिस जारी किया है। यह अडानी के महा राहत की बात है। भले ही अमेरिकी शॉर्ट सेलर ने सेबी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए सेबी के नोटिस का जोरदार जवाब दिया है।
अडानीः सेबी का हिंडनबर्ग को नोटिस, रिसर्च फर्म से क्यों मिला करारा जवाब?
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- 2 Jul, 2024
अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट जब आई तो अडानी के शेयर गिर गए और खुद उद्योगपति गौतम अडानी दुनिया के अमीरों लोगों की सूची में नीचे चले गए। अब सेबी ने हिंडनबर्ग को नोटिस भेजा है। कहा जा रहा है कि सेबी के इस कदम से निवेशकों का अडानी में विश्वास लौटेगा, लेकिन इसके कई किन्तु-परंतु भी हैं। जानिएः
