याचिका में अदालत से अनुरोध किया गया है कि एक नया पैनल इस मामले की जांच करे। नए पैनल में वित्त, कानून और शेयर मार्केट के जानकार लोग रखे जाएं। कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट 13 अक्टूबर को इस याचिका को सुन सकता है।
याचिकाकर्ता अनामिका जयसवाल ने अपने हलफनामे में कहा था- "सेबी जांच और अडानी समूह में हितों का स्पष्ट टकराव है क्योंकि सेबी के सिरिल श्रॉफ की बेटी की शादी अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अदानी के बेटे करण अदानी से हुई है।
क्या है हिंडनबर्ग रिपोर्ट में
हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी 2023 में एक रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि इसकी दो साल की जांच में अडानी समूह को स्टॉक हेराफेरी और अकाउंटिंग धोखाधड़ी में लिप्त पाया गया। हिंडनबर्ग ने अडानी समूह द्वारा सरकारी बैंकों से लिए गए लोन पर सवाल उठाते हुए कहा कि अडानी समूह ने लोन के लिए सरकारी बैंकों के शेयरों तक को गिरवी रखा। अडानी के दुबई स्थित भाई को भी निशाना बनाया गया था। अडानी समूह ने आरोपों को खारिज कर दिया। अडानी समूह ने कहा कि हिंडनबर्ग द्वारा उठाए गए 88 सवालों में से 65 मामले तो अडानी पोर्टफोलियो कंपनियों से संबंधित हैं, जिन्होंने अपने-अपने पोर्टफोलियो का विधिवत खुलासा पहले से ही किया हुआ है। बाकी 23 सवालों में से 18 सार्वजनिक शेयरधारकों और थर्ड पार्टी (जो अडानी पोर्टफोलियो की कंपनियां नहीं हैं) से संबंधित हैं, जबकि शेष 5 सवाल काल्पनिक तथ्यों पर हैं, उनमें एक पैटर्न दिख रहा है और सभी आरोप निराधार हैं।
इस रिपोर्ट के आने के बाद अडानी समूह को केवल दो ट्रेडिंग सत्र में शेयर बाजार में 50 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक का नुकसान हुआ था। इसके बाद गौतम अडानी दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में तीसरे नंबर से नीचे लुढ़कते रहे।
हिंडनबर्ग का जवाब
अडानी समूह की सफाई पर हिंडनबर्ग रिसर्च ने जवाब दिया कि धोखाधड़ी को राष्ट्रवाद या एक सधी हुई प्रतिक्रिया से झुठलाया नहीं किया जा सकता है। अडानी समूह ने मूल रूप से उठाए गए हर प्रमुख आरोप को नजरअंदाज कर दिया है। हिंडनबर्ग ने कहा, अडानी के '413 पेज' के जवाब में हमारी रिपोर्ट से संबंधित मुद्दों पर केंद्रित कुल 30 पेज ही थे।...हमने नोट किया है कि हमारी रिपोर्ट के मुख्य आरोपों में फर्जी कंपनियों के साथ कई संदिग्ध लेन-देन पर केंद्रित थी - उन सवालों के जवाब पूरी तरह से अनसुलझे रह गए हैं।“
हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह को यूएसए में इस मामले में मुकदमा करने की चुनौती दी थी। अडानी समूह ने अभी तक उस चुनौती को स्वीकार नहीं किया है। उसने कहा था कि अडानी समूह ने मूल मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश की और इसके बजाय उसने राष्ट्रवादी कहानी को हवा दी।
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