सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को यह बताने को कहा है कि क्या टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी के खिलाफ कोई लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से पूछा है कि इन्हें चिकित्सा के लिए विदेश यात्रा की इजाजत क्यों नहीं दी जानी चाहिए?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम केवल इतना जानना चाहते हैं कि क्या इनके लिए लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया है और उन्होंने विदेश में इलाज की मांग की है तो उन्हें यात्रा की अनुमति क्यों नहीं दी जानी चाहिए।
जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की खंडपीठ ने ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से इस बारे में जानकारी मांगी है। खंडपीठ इस दंपति की विदेश यात्रा की अनुमति से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी की ओर से विदेश यात्रा की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि विदेश यात्रा करना भी एक अधिकार है। इसे तब तक नहीं रोका जाना चाहिए जब तक कि यह मानने का कारण न हो कि आरोपी भाग जाएगा। खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में जांच लंबित है और जरूरत होने पर ईडी उन्हें बुला सकती है।
याचिकाकर्ता अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बहस में कहा कि टीएमसी सांसद को चिकित्सा कारणों से 26 जुलाई को विदेश जाना है। लेकिन बार-बार सूचित करने के बावजूद ईडी ने कोई जवाब नहीं दिया। इसके कारण उन्हें सुप्रीम कोर्ट का रुख करना पड़ा। कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी ने पूर्व में भी विदेश यात्रा की थी और उससे जांच में कोई बाधा नहीं आई।
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5 जून को रुजिरा को एयरपोर्ट पर रोका गया था
इस दौरान कपिल सिब्बल ने खंडपीठ को बताया कि उनकी मुवक्किल रुजिरा बनर्जी जब 5 जून को संयुक्त अरब अमीरात जाने के लिए एयरपोर्ट गईं तो उन्हें बताया गया कि उनके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर है। उन्हें फ्लाइट में चढ़ने से रोक दिया।उन्होंने कहा कि उन्हें 5 जून से पहले रुजिरा को सूचित नहीं किया गया था कि उनके खिलाफ यह सर्कुलर जारी किया गया है। इस दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने आवेदनों के सुनवाई योग्य होने के मुद्दे पर आपत्ति जताई।
उन्होंने कहा कि आवेदन में कार्रवाई के कारण का मुख्य याचिका से कोई संबंध नहीं है। बिना वैकल्पिक उपायों का इस्तेमाल किए आवेदकों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उन्होंने सर्कुलर जारी करने के संबंध में निर्देश लेने के लिए कोर्ट से समय मांगा।
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2020 में दर्ज किया गया था मामला
ईडी ने वर्ष 2020 के नवंबर महीने में सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत इनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। इस प्राथमिकी में पश्चिम बंगाल के आसनसोल और इसके आसपास के क्षेत्रों में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों से करोड़ों रुपये के कोयला चोरी घोटाले का आरोप लगाया गया था।इस क्षेत्र के कोयला तस्कर अनूप मांझी पर इस मामले में मुख्य संदिग्ध होने का आरोप है। वहीं ईडी ने दावा किया था कि अभिषेक बनर्जी इस अवैध व्यापार से प्राप्त धन के लाभार्थी थे। अभिषेक बनर्जी ने अपने उपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है।
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