पुलवामा में हुए फ़िदायीन हमले से बहुत सारे सवाल सामने आ रहे हैं। देश में जो गुस्से का माहौल बनता जा रहा है, उसमें कुछ सवाल तो बहुत मज़बूती से उभर रहे हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण सवाल को तवज्जो ही नहीं दी जा रही है। कश्मीर के पिछले 20 सालों पर नज़र डालें तो चीजें काफ़ी हद तक स्पष्ट हो जाएँगी।