पुलवामा में हुए फ़िदायीन हमले से बहुत सारे सवाल सामने आ रहे हैं। देश में जो गुस्से का माहौल बनता जा रहा है, उसमें कुछ सवाल तो बहुत मज़बूती से उभर रहे हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण सवाल को तवज्जो ही नहीं दी जा रही है। कश्मीर के पिछले 20 सालों पर नज़र डालें तो चीजें काफ़ी हद तक स्पष्ट हो जाएँगी।
क्यों क़ाबू से बाहर हुआ कश्मीर?
- पुलवामा हमला
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- राजेंद्र तिवारी
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- 16 Feb, 2019

राजेंद्र तिवारी
1965 के युद्ध में कश्मीर भारत के साथ था, लेकिन यदि आज युद्ध की स्थितियाँ बनीं तो क्या कश्मीर हमारे साथ रहेगा। मूल सवाल यही है। इसे हल करने पर ही चीजें बदल सकती हैं।
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राजेंद्र तिवारी
लेखक पत्रकार हैं और कनाडा की विंडसर यूनिवर्सिटी के रिसर्च प्रोजेक्ट के तहत आईआईएम-लखनऊ में रिसर्चर रह चुके हैं।