योगेंद्र यादव और सुहास पलशिकर के बाद देश के 33 और शिक्षाविदों ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) को पत्र लिखकर राजनीति विज्ञान की पुस्तकों से खुद का नाम हटाने की मांग की है।पाठ्य पुस्तक विकास समिति (टीडीसी) में शामिल इन 33 शिक्षाविदों ने एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी को इस संबंध में पत्र लिखा है। देश के ये प्रतिष्ठित शिक्षाविद
2006-07 में पाठ्यपुस्तक विकास समिति के सदस्य थे।
बुधवार को इनके द्वारा लिखे गए पत्र में इन्होंने कहा है कि मूल सिलेबस के अब तक कई संशोधन किए गए हैं। जिसके बाद वे अलग-अलग किताबें बन गए हैं। हमारे लिए अब यह दावा करना मुश्किल हो चुका है कि ये वही किताबें हैं जिन्हें हमने तैयार किया था। ऐसे में हम उनके साथ अब अपना नाम जोड़ना नहीं चाहते हैं।इन्होंने कहा है कि एनसीईआरटी अब पाठ्यपुस्तकों में बदलाव कर रहा है। इनमें वाक्यों को हटाने से लेकर कुछ चैप्टरों को हटाना शामिल है।
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