भारतीय नौसेना के 21 नाविकों में कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए गए हैं। उन्हें मुंबई स्थित नौसेना अस्पताल में क्वरेन्टाइन कर दिया गया है। यह पहला मौका है जब कोरोना संक्रमण की चपेट में नौसेना के लोग आए हैं।
ये सारे लोग आईएनएस आंग्रे के आवासीय परिसर में थे। इन लोगों के संपर्क में आए तमाम लोगों का पता लगाया जा रहा है, ताकि उनकी जाँच की जा सके।
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युद्धपोत, पनडुब्बी सुरक्षित!
नौसेना ने इसकी पुष्टि करते हुए यह दावा किया है कि किसी युद्धपोत या पनडुब्बी पर तैनात किसी अफ़सर या नाविक को अब तक कोरोना संक्रमण नहीं हुआ है।आईएनएस आंग्रे तट पर बना हुआ नौसेना डिपो है, जहाँ से पश्चिमी कमान के लिए लॉजिस्टिक और प्रशासनिक कामकाज होता है।
जो नाविक पॉजिटिव टेस्ट हुए हैं, उनमें कोरोना के लक्षण पहले नहीं देखे गए थे, जाँच करने पर लक्षण मिले हैं। ये सभी उस नाविक के संपर्क में आए थे, जो 7 अप्रैल को पॉजिटिव टेस्ट हुआ था।
घेराबंदी
नौसेना ने एक बयान में कहा है कि इन नाविकों के बारे में पता चलने के तुरन्त बाद पूरे परिसर की घेराबंदी कर दी गई।हालांकि पूरे मुंबई शहर में लॉकडाउन है और लोगों की आवाजाही नहीं के बराबर है, पर नौसेना यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इन नाविकों में से कोई बाहर कहीं गया था।
ख़तरा!
लोगों का कहना है यह किसी बड़े ख़तरे की वजह भी बन सकता है क्योंकि जिस आईएनएस आंग्रे में संक्रमण के ये मामले मिले हैं, वहां से बमुश्किल आधा किलोमीटर की दूरी पर नौसेना का डॉकयार्ड और मुख्य अड्डा है। इस डॉकयार्ड पर ही पश्चिमी कमान के तमाम बड़े अफ़सर, बहुत सारे नाविक रहते हैं।संक्रमित पाए गए नाविकों को नौसेना अस्पताल आईएनएचएस अश्विनी में क्वरेन्टाइन किया गया है।
आईएनएस दरअसल नौसेना का बैरक है, जहाँ पश्चिमी कमान से जुड़ी तमाम सुविधाएँ और सेवाएँ हैं। यह मदर शिप की तरह काम करता है यानी दूर दराज के तमाम जहाज़ों की देखभाल करता है और उन्हें ज़रूरत की तमाम चीजें देता है।
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