1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों को अब तक इंसाफ़ नहीं मिल सका है। इन दंगों की जाँच करने वाली एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि उस दौरान सिख समुदाय के लोगों के साथ जमकर हैवानियत की गई। एसआईटी ने पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा है कि पुलिस ने सिखों की हत्या कर रहे किसी भी व्यक्ति को गिरफ़्तार करने की कोशिश तक नहीं की।
1984 दंगे: पुलिस के सामने सिखों को ट्रेनों से निकालकर घसीटा और हत्या कर दी: एसआईटी
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- 16 Jan, 2020
सिख विरोधी दंगों की जाँच करने वाली एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि उस दौरान सिख समुदाय के लोगों के साथ जमकर हैवानियत की गई।

एसआईटी के प्रमुख और दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस एस.एन धींगड़ा ने 186 मामलों की जाँच के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट कहती है कि 5 मामले ऐसे हैं जिनमें दंगाइयों ने ट्रेनों में सफर कर रहे या रेलवे स्टेशनों पर मौजूद सिखों की हत्या कर दी। रिपोर्ट के मुताबिक़, यह घटनाएं 1 और 2 नवंबर, 1984 को दिल्ली के पाँच रेलवे स्टेशनों - नांगलोई, किशनगंज, दया बस्ती, शाहदरा और तुगलकाबाद में हुईं।