कोरोना संकट काल में पहले लॉकडाउन के बाद से एक साल के अंदर 12 केंद्रीय मंत्रियों ने संपत्तियाँ खरीदी हैं। यह जानकारी ख़ुद इन मंत्रियों ने ही प्रधानमंत्री कार्यालय को दी है। बता दें कि कोरोना के इस संकट काल में दुनिया भर की अर्थव्यवस्था डगमगाई हुई थीं और रिपोर्ट है कि ग़रीबों की संख्या बेतहाशा बढ़ी है। लोगों की नौकरियाँ गई हैं और आमदनी कम होने की लगातार ख़बरें आई हैं।
जिन मंत्रियों ने ये संपत्तियाँ खरीदी हैं उनमें विदेश मंत्री एस जयशंकर, महिला बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और नौवहन व आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल शामिल हैं। इनके अलावा संपत्ति खरीदने वालों में नौ राज्य मंत्री भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार पिछले वित्तीय वर्ष में इन 12 मंत्रियों ने कुल मिलाकर 21 संपत्तियाँ खरीदीं। हालाँकि इनके अलावा गिरिराज सिंह और उनकी पत्नी ने संपत्तियाँ बेची भी हैं, लेकिन पिछले एक साल में ही वह काफ़ी ऊंची क़ीमतों में बेची गई हैं।
78 सदस्यीय मंत्रिपरिषद में से जिन्होंने वित्तीय वर्ष 2020-21 में संपत्ति की खरीद की घोषणा की है उनमें तीन कैबिनेट मंत्री शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री ईरानी और पांच राज्य मंत्रियों ने अपने-अपने लोकसभा क्षेत्रों में संपत्तियाँ खरीदीं। 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने पीएमओ वेबसाइट से आंकड़ों को जुटा कर रिपोर्ट में कहा है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी घोषणा में दक्षिण दिल्ली के वसंत विहार में 3.87 करोड़ रुपये में अपार्टमेंट खरीदने की जानकारी दी है। इसमें ख़रीद की तारीख़ 8 अगस्त, 2020 दिखाई गई है।
इनके अलावा समृति ईरानी ने घोषणा की है कि उन्होंने यूपी में अमेठी लोकसभा क्षेत्र में 19 फरवरी, 2021 को मेदान मवई गांव में 12.11 लाख रुपये के वर्तमान मूल्य पर ज़मीन खरीदी है। सोनोवाल ने इस साल फ़रवरी में डिब्रूगढ़ में तीन संपत्तियों की खरीद की सूचना दी, जब वह असम के मुख्यमंत्री थे। इसके एक महीने बाद चुनाव में जीत दर्ज कर असम में बीजेपी ने सत्ता बरकरार रखी लेकिन सोनोवाल की जगह हिमंत बिस्व सरमा को मुख्यमंत्री बनाया गया। 7 जुलाई, 2021 को सोनोवाल को केंद्रीय मंत्रिमंडल में बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग और आयुष मंत्री के रूप में शामिल किया गया था।
सोनोवाल की घोषणा से पता चलता है कि उन्होंने मनकोट्टा खनिकर मौजा में तीन बार ज़मीनें- 6.75 लाख रुपये (1 फरवरी), 14.40 लाख रुपये (23 फरवरी) और 3.60 लाख रुपये (25 फरवरी) में खरीदीं।
इनके अलावा जिन नौ राज्य मंत्रियों ने 2020-21 में संपत्ति की खरीद की घोषणा की है उनमें- श्रीपाद येसो नाइक, कृष्ण पाल गुर्जर, साध्वी निरंजन ज्योति शामिल हैं। इन नौ राज्य मंत्रियों में से छह वे हैं जिन्हें इस साल जुलाई में मंत्री बनाया गया है- भानु प्रताप सिंह वर्मा, अन्नपूर्णा देवी, बी एल वर्मा, देवुसिंह चौहान, डॉ. महेंद्र मुंजपारा और डॉ. एल मुरुगन।
गिरिराज सिंह ने एक साल में संपत्ति 4-6 गुना महंगी बेची
ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने 6.5 लाख की संपत्ति को एक साल बाद ही क़रीब 4 गुने ज़्यादा दाम में बेच दिया। उनकी घोषणा से पता चलता है कि उन्होंने 2 फ़रवरी 2021 को पटना के शिवम अपार्टमेंट में अपना 650 वर्ग मीटर का फ्लैट 25 लाख रुपये में बेचा था। पिछले साल घोषणा में उन्होंने संपत्ति की लागत क़रीब 6.5 लाख रुपये बताई थी। गिरिराज सिंह की पत्नी उमा सिन्हा ने अपनी एक संपत्ति- झारखंड के देवघर में 1,087 वर्ग मीटर का घर- 45 लाख रुपये में बेच दी। पिछले साल सिंह की घोषणा में संपत्ति की लागत क़रीब 7 लाख रुपये बतायी गयी थी।
बहरहाल, कोरोना काल वह समय था जब पूरे देश की अर्थव्यवस्था गर्त में जा रही थी। आम लोगों की आमदनी घट रही थी। लोगों की नौकरियाँ जा रही थीं। हालाँकि इस बीच ऐसी रिपोर्टें भी आई हैं जिसमें कहा गया है कि अमीरों की संपत्ति बेहिसाब बढ़ी है। हाल ही में एक रिपोर्ट में कहा गया है कि गौतम अडानी परिवार की संपत्ति में पिछले एक साल में 261 फ़ीसदी का उछाल आया। पिछले साल इनकी संपत्ति जहाँ 1,40,200 करोड़ रुपये थी इस बार यह बढ़कर 5,05,900 करोड़ रुपये हो गई। यानी उनका परिवार हर रोज़ 1000 करोड़ से ज़्यादा कमा रहा था। आईआईएफएल वेल्थ हुरुन इंडिया रिच लिस्ट में यह ख़बर सामने आई है।
इसके साथ ही अडानी एशिया के दूसरे सबसे धनवान उद्योगपति बन गए हैं। मुकेश अंबानी 7.2 लाख करोड़ संपत्ति के साथ लगातार 10वें साल सबसे अमीर भारतीय हैं। भारत में पिछले 12 महीनों में हर महीने पांच अरबपति बढ़ गए हैं।
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