हरियाणा के यमुनानगर में मंकीपॉक्स के दो संदिग्ध मामले पाए गए हैं। दोनों भाई-बहन हैं। ढाई साल के लड़के और उसकी 18 महीने की बहन को यमुनानगर के मुकंद लाल जिला सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्हें ट्रॉमा सेंटर में मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है।
यमुनानगर जिले के सिविल सर्जन डॉ मंजीत सिंह ने कहा, ये मंकीपॉक्स के संदिग्ध मामले हैं। हमने नमूने लिए हैं, जिन्हें जांच के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली भेजा गया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि नमूनों के नतीजे आने के बाद ही बीमारी की पुष्टि की जा सकती है।
सिविल सर्जन ने कहा कि उन्हें शुक्रवार शाम को मंकीपॉक्स के लक्षण वाले बच्चों के बारे में जानकारी मिली। हमने उन बच्चों को आइसोलेशन वार्ड में ले जाने के लिए तुरंत एक एम्बुलेंस भेजी, जहां उनका इलाज चल रहा है।
उन्होंने कहा कि शनिवार को उनके नमूने लिए गए और बीमारी की पुष्टि के लिए एम्स, दिल्ली भेजे गए। बच्चे पिछले कई दिनों से बुखार से पीड़ित थे और निजी डॉक्टरों से इलाज करा रहे थे। बुखार के साथ-साथ उनकी त्वचा पर घाव जैसे लक्षण भी हैं।
उन्होंने कहा कि बच्चों के परिवार की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए यहां इस अस्पताल में 5 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है।
वहीं जिले के कुछ स्कूलों ने अभिभावकों को संदेश भेजकर एहतियात बरतने की सलाह दी है। संदेश में कहा गया है कि नाक बहने, बुखार, मुंह के छाले, गले में दर्द, हाथ और पैर में लाल धब्बे के लक्षणों से पीड़ित बच्चों को तब तक स्कूल नहीं भेजा जाना चाहिए जब तक कि ऐसे धब्बे खत्म न हो जाएं।
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