केरल में मंकीपॉक्स का पहला मामला मिलने के बाद, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने शुक्रवार को बीमारी के प्रबंधन के लिए दिशानिर्देश जारी किए।
क्या हैं दिशा-निर्देश
मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में मृत या जीवित जंगली जानवरों के संपर्क से बचने का सुझाव दिया गया है। अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को बीमार लोगों और अन्य लोगों के साथ निकट संपर्क से बचना चाहिए।
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और क्या करें
- यह भी सुझाव दिया गया है कि छोटे स्तनधारियों जैसे कि गिलहरी, और गैर मानव प्राइमेट जैसे बंदरों और वानरों सहित जानवरों के संपर्क से बचना चाहिए।
- मंत्रालय ने जंगली झाड़ियों में पड़े मृत जानवरों के मांस, या उन्हें खाने वाले जानवरों, या ऐसे मांस से तैयार क्रीम, लोशन, पाउडर आदि उत्पादों का उपयोग करने से बचने का भी सुझाव दिया है। दक्षिणा अफ्रीका के जंगलों से कई जानवरों का शिकार करके तमाम त्वचा क्रीमें तैयार की जाती हैं। इन्हें फिलहाल इस्तेमाल न करने की सलाह दी गई है।
- इसके अलावा, बीमार लोगों द्वारा उपयोग की जाने वाली दूषित सामग्री जैसे कपड़े, बिस्तर या संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से बचना चाहिए।
- अगर किसी में दाने के साथ बुखार जैसे मंकीपॉक्स का कोई लक्षण विकसित होता है तो वह नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर फ़ौरन पहुँचे।
- अगर आप उस क्षेत्र में थे, जहां मंकीपॉक्स की सूचना मिली है या किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में है जिसे मंकीपॉक्स हो सकता है तो फौरन डॉक्टर के पास जाएँ।
मंकीपॉक्स क्या है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, मंकीपॉक्स एक वायरल संक्रमण है जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होता है। यह एक ऐसी बीमारी है, जो जानवरों से इंसानों में फैल सकती है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकती है।मंकीपॉक्स के लक्षणः बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, कम एनर्जी और सूजी हुई लिम्फ नोड्स मंकीपॉक्स के सबसे आम लक्षण हैं। शरीर में दाने निकल आते हैं जो दो से तीन सप्ताह तक रह सकते है। दाने चेहरे, हाथों की हथेलियों, पैरों के तलवों, आंखों, मुंह, गले, कमर और/या गुदा क्षेत्रों पर पाए जा सकते हैं। घावों की संख्या एक से कई हजार तक हो सकती है। जो लोग मंकीपॉक्स वाले किसी व्यक्ति के साथ रहते हैं या निकट संपर्क करते हैं, या जो संक्रमित हो सकने वाले जानवरों के साथ नियमित संपर्क रखते हैं, उन्हें सबसे अधिक जोखिम होता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने केरल के कोल्लम जिले में मंकी पॉक्स के पुष्ट मामले के मद्देनजर सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को स्थापित करने में राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ सहयोग करने के लिए गुरुवार को केरल में एक उच्चस्तरीय टीम भेजी थी।
मंत्रालय के अनुसार, केरल की केंद्रीय टीम में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), आरएमएल अस्पताल, नई दिल्ली के विशेषज्ञ और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के साथ-साथ स्वास्थ्य और परिवार के क्षेत्रीय कार्यालय के विशेषज्ञ शामिल थे।
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मंत्रालय ने बताया कि टीम राज्य के स्वास्थ्य विभागों के साथ मिलकर काम करेगी और जमीनी स्थिति का जायजा लेगी और आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप की सिफारिश करेगी। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, भारत सरकार स्थिति की सावधानीपूर्वक निगरानी करके और राज्यों के साथ समन्वय करके सक्रिय कदम उठा रही है।
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