कोरोना वायरस ख़तरनाक क्यों है और क्यों सावधानी बरतना ही सबसे बेहतर उपाय है? क्या सिर्फ़ इसलिए कि इससे कई लोगों की मौतें हो गई हैं? नहीं। दरअसल, इस वायरस से पीड़ित मरीजों की मृत्यु दर उतनी ज़्यादा नहीं है जितनी दूसरे वायरस से पीड़ितों मरीजों की रही है। कोरोना वायरस के मामले में मृत्यु दर क़रीब 3.5 फ़ीसदी है जबकि 2003 में इसी तरह के एसएआरएस (SARS) वायरस में यह मृत्यु दर 10 फ़ीसदी रही थी। 2012 में मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम यानी एमईआरएस में यह दर 34 फ़ीसदी थी। तो फिर कोरोना वायरस से इतना खौफ़ क्यों है और विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने क्यों इसे महामारी घोषित कर दिया है?