कोरोना वायरस के प्रकोप ने मानव जीवन और स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव डाला है। हर सुबह भयावह आँकड़ों से सामना होता है। लोग मर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, अस्पताल मरीजों से भरे हुए हैं। मनोचिकित्सकों के क्लीनिक और परामर्श केंद्रों में मरीज लगातार आते ही जा रहे हैं। आखिर परेशानी है क्या... बहुत गहरी बेचैनी, शोक, अनिद्रा और अवसाद।

कोरोना वायरस के प्रकोप ने मानव जीवन और स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव डाला है। लोग मर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, अस्पताल मरीजों से भरे हुए हैं। मनोचिकित्सकों के क्लीनिक और परामर्श केंद्रों में मरीज लगातार आते ही जा रहे हैं।
इस भयानक बीमारी में जकड़े जाने का या अपने प्रियजनों के बीमार हो जाने का डर। अस्पताल में जाने का और अपने परिवार से अलग-थलग हो जाने का डर या दिनचर्या के चौपट हो जाने का डर। इन सब कारणों से मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। बहुत से लोगों की नौकरी चली गई है या उनका वेतन लगभग आधा कर दिया गया है। और कुछ ने तो अपने घनिष्ठ मित्रों या परिवार जनों को खो दिया है।