हरियाणा के नूँह में फिर से सांप्रदायिक तनाव है। आरोप है कि एक धार्मिक यात्रा के दौरान पथराव की घटना हुई। इसके बाद स्थिति बिगड़ गई। घटना के बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। दोनों समुदायों के लोगों के बीच में बैठक कराई गई। बहरहाल, इन प्रयासों के बावजूद घटना के विरोध में व्यापारियों ने शुक्रवार को बाज़ार बंद रखे।
दरअसल, घटना गुरुवार को शहर के पांडु राम चौक इलाके में घटी थी। एक परिवार द्वारा आयोजित धार्मिक यात्रा पर अज्ञात संदिग्धों ने कथित तौर पर पथराव कर दिया। जिन पर आरोप लगाया गया वे बच्चे बताए गए। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार उस कथित पथराव की घटना में कई महिलाएँ घायल हो गईं। इंडिया टुडे ने ख़बर दी है कि 8 महिलाएँ घायल हुईं। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार घायल तीन महिलाओं को नूँह अस्पताल में ले जाया गया। इसके बाद नूंह ज़िले में तनाव फैल गया।
पुलिस ने कहा है कि धार्मिक यात्रा 'कुआं पूजन' समारोह का हिस्सा थी। इसका आयोजन स्थानीय निवासी राम अवतार और उनके परिवार ने किया था। जब यह घटना घटी तब अवतार का परिवार और रिश्तेदार पास के शिव मंदिर जाने के लिए अपने घर से बाहर निकले थे।
पुलिस ने कहा कि जब लगभग 20 लोगों का समूह रात आठ बजे इलाक़े में एक स्थानीय मदरसे से गुजर रहा था तो संदिग्धों ने उन पर कथित तौर पर पथराव कर दिया। संदिग्धों में नाबालिग बच्चे थे। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार धार्मिक यात्रा में अफरा-तफरी मच गई। जांचकर्ताओं ने बताया कि तीनों घायल महिलाओं को इलाज के लिए नूंह के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।
इस घटना के तुरंत बाद एहतियात के तौर पर इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया। इसके बाद से इलाके से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है।
नूंह पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि मदरसा कर्मचारियों ने स्वीकार किया कि नाबालिगों के एक समूह ने गलती की, लेकिन उन्होंने कहा कि वे चप्पलों से खेल रहे थे, न कि उन्होंने पथराव किया। उन्होंने कहा, 'मदरसा स्टाफ ने कहा कि बच्चे खेल रहे थे और एक-दूसरे पर चप्पल फेंक रहे थे, जो जुलूस पर गिरे। लेकिन, जुलूस में शामिल लोगों का आरोप है कि पथराव किया गया, जिसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गयी।' कृष्ण कुमार ने कहा है कि वे हर पहलू पर गौर कर रहे हैं।
पूजा का आयोजन करने वाले राम अवतार की शिकायत पर अज्ञात संदिग्धों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 148 (दंगा, घातक हथियार से लैस), 149 (गैरकानूनी सभा), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 341 (गलत तरीके से रोकना) और अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।
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