मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें दो आरोपी अशोका यूनिवर्सिटी के संस्थापक सदस्य प्रणव गुप्ता, विनीत गुप्ता और तीसरे आरोपी उनके सीए एसके बंसल हैं। केंद्रीय एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम या पीएमएलए के तहत इन्हें गिरफ्तार किया है।
इस गिरफ्तारी से एक दिन पहले ही ईडी ने आरोपियों के 17 ठिकानों पर छापेमारी कर तलाशी ली थी। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले सीबीआई ने 1,600 करोड़ रुपये की कथित बैंक धोखाधड़ी के लिए पैराबोलिक ड्रग्स पर आरोप लगाया था, जिसके बाद ईडी ने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर अपनी जांच शुरू की थी।
प्रणव गुप्ता और विनीत गुप्ता पैराबोलिक ड्रग्स लिमिटेड के प्रमोटर हैं। ये दोनों हरियाणा स्थित अशोक यूनिवर्सिटी के सह संस्थापक सदस्य हैं। इन्होंने 2021 में सीबीआई द्वारा उनके और उनकी कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने के बाद 2022 में अशोक यूनिवर्सिटी में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक तीनों को चंडीगढ़ की एक अदालत में पेश किया जा सकता है, जहां ईडी उनकी हिरासत की मांग करेगी। दोनों प्रमोटरों और फार्मा कंपनी पर कथित तौर पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से 1,626 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है।
ईडी ने शुक्रवार 27 अक्टूबर को राजधानी दिल्ली, चंडीगढ़, मुंबई, पंचकूला,अंबाला के करीब डेढ़ दर्जन जगहों पर तलाशी अभियान चलाया था।
यह अभियान शुक्रवार सुबह करीब साढ़े 6 बजे से शुरू हुआ था जो शनिवार को भी कुछ स्थानों पर जारी रहा था। इस सर्च ऑपरेशन के दौरान तमाम सबूतों को इकट्ठा किया जा रहा है। सोनिपत स्थित यूनिवर्सिटी कैंपस में भी शनिवार देर शाम तक जांचकर्ता मौजूद रहें और जांच कर रहे थे।
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