loader

स्वाति मालीवाल केस: केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार को SC से जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी बिभव कुमार को स्वाति मालीवाल पर कथित हमले के मामले में जमानत दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सभी प्रमुख गवाहों की जांच होने तक बिभव कुमार को सीएम के निजी सचिव के रूप में अपना पद संभालने या सीएम आवास में प्रवेश करने से रोक दिया।

सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि बिभव कुमार 100 दिनों से न्यायिक हिरासत में हैं और उनके ख़िलाफ़ आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। अदालत ने जमानत देते हुए बिभव कुमार को मामले के खिलाफ बोलने से रोक दिया, जब तक कि सभी प्रमुख गवाहों की जाँच नहीं हो जाती। अदालत ने ट्रायल कोर्ट से कहा कि वह इस प्रक्रिया को अधिकतम 3 सप्ताह में पूरा करे।

ताज़ा ख़बरें

जस्टिस भुइयां ने कहा, 'चोटें आना सामान्य बात है। यह जमानत का मामला है। आपको विरोध नहीं करना चाहिए। आप ऐसे मामले में किसी व्यक्ति को जेल में नहीं रख सकते।' 

दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा, 'कुछ महत्वपूर्ण गवाह हैं, जो उनके (बिभव) प्रभाव में हैं। उनसे पूछताछ की जाए। तब मैं विरोध नहीं करूंगा।' जस्टिस भुइयां ने इन संदेहों को दूर की कौड़ी बताया और जवाब दिया, 'फिर इस तरह तो हम किसी भी व्यक्ति को जमानत नहीं दे सकते।'

दिल्ली पुलिस ने राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल की शिकायत पर 18 मई को केजरीवाल के आवास से बिभव कुमार को गिरफ्तार किया था। मालीवाल ने एफआईआर में आरोप लगाया था कि उन्होंने बिना किसी उकसावे के उन्हें 7-8 बार थप्पड़ मारे, उन पर झपटा, उनकी छाती और कमर पर लात मारी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 13 मई को जब वह दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिलने गई थीं, तो केजरीवाल के आवास पर जानबूझकर उनकी शर्ट ऊपर खींची।
अपनी गिरफ्तारी से पहले बिभव कुमार ने 17 मई को दिल्ली पुलिस को ईमेल के ज़रिए शिकायत की थी कि यह स्वाति मालीवाल ही थीं जो जबरन और अनाधिकृत रूप से सीएम आवास में घुसी थीं, जिन्होंने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और मारपीट की और उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी।
बिभव कुमार ने यह भी आरोप लगाया कि जब सांसद को सीएम आवास की मुख्य इमारत में प्रवेश करने से रोका तो उन्होंने उनके खिलाफ़ झूठा मामला दर्ज करने और जेल भेजने की धमकी दी।
दिल्ली से और ख़बरें

पुलिस ने सबूत के तौर पर बिभव कुमार का मोबाइल फोन, सिम कार्ड और सीएम आवास में लगे सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर/एनवीआर जब्त किया था।

30 जुलाई को अदालत ने बिभव कुमार के खिलाफ़ 16 जुलाई को दिल्ली पुलिस द्वारा दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लिया। दिल्ली पुलिस का आरोपपत्र 500 पन्नों का है। दिल्ली पुलिस ने 100 लोगों से पूछताछ की और 50 को गवाह बनाया।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें