फ़िल्म- रात अकेली है
कलाकार- नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी, राधिका आप्टे, श्वेता त्रिपाठी, तिग्मांशू धूलिया, शिवानी रघुवंशी, आदित्य श्रीवास्तव, निशांत दाहिया, ईला अरुण
निर्देशक- हनी त्रेहन
स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म- नेटफ़्लिक्स
रेटिंग- 4/5
कोरोना महामारी के कारण सभी बड़ी फ़िल्में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ हो रही हैं और इसी में से एक फ़िल्म 'रात अकेली है' नेटफ़्लिस्क पर रिलीज़ हुई है।
फ़िल्म का निर्देशन हनी त्रेहन ने किया है और इसमें लीड रोल में नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी, राधिका आप्टे, श्वेता त्रिपाठी, ईला अरुण, निशांत दाहिया हैं। निर्देशक के रूप में कास्टिंग डायरेक्टर हनी त्रेहन की यह पहली फ़िल्म है। फ़िल्म 'रात अकेली है' सस्पेंस से भरी हुई फ़िल्म है। जिसमें एक पुलिस वाले को हत्या का एक मामला सुलझाना है।
फ़िल्म में क्या है?
एक हवेली के मालिक रघुबीर सिंह (ख़ालिद तैयबजी) की शादी की ही रात हत्या हो जाती है। उसकी हत्या गोली मारकर की जाती है, लेकिन किसी ने भी गोली चलने की आवाज़ नहीं सुनी। रघुबीर सिंह के परिवार में बेटी करुणा सिंह (श्वेता त्रिपाठी), भतीजा विक्रम (निशांत दाहिया), भतीजी वसुधा (शिवानी रघुवंशी) और जिससे शादी हुई थी पत्नी राधा (राधिका आप्टे) हैं।हत्या की जाँच करने के लिए इंस्पेक्टर जटिल यादव (नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी) आते हैं और उन्हें पूरा शक होता है कि परिवार में ही किसी ने यह हत्या की है। इसके अलावा एक निर्दलीय विधायक मुन्ना राजा (आदित्य श्रीवास्तव) और एसएसपी लालजी (तिग्माशूं धूलिया) भी है, जो इस परिवार के बेहद क़रीब हैं। जटिल को इन पर भी पूरा शक है। तो वहीं दूसरी तरफ जटिल यादव सांवले से हैं, ‘फेयर एंड लवली’ लगाते हैं और उनकी माँ (इला अरुण) उनकी शादी के लिए कोई अच्छी सी लड़की ढूंढ़ रही हैं।
इस मर्डर मिस्ट्री में जटिल को पूरा शक राधा और विक्रम पर है, वह मानता है कि इन दोनों ने मिलकर यह हत्या कर दी है, लेकिन अंत में खूनी कोई और निकल कर सामने आता है।
आख़िर में खुलासा बेहद चौंकाने वाला होता है और हत्या का कारण भी काफी हैरान करता है। हत्या के इस मामले को जटिल यादव किस तरह से सुलझाते हैं? आखिर रघुबीर सिंह की हत्या क्यों की जाती है? परिवार के किस सदस्य ने हवेली के मुखिया की हत्या की? ये सब जानने के लिए आपको नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हुई फ़िल्म 'रात अकेली है' देखनी पड़ेगी। ये फ़िल्म 2 घंटे 29 मिनट की है।
निर्देशन
कास्टिंग डायरेक्टर से डायरेक्टर बने हनी त्रेहन ने अच्छी फ़िल्म बनाई है और उन्होंने अंत तक कहानी के सस्पेंस को बरक़रार रखा। फ़िल्म की कहानी स्मिता सिंह ने लिखी है। फ़िल्म की कहानी बेहद सधी हुई रही और कही भी इधर-उधर नहीं हुई। फ़िल्म का म्यूज़िक और रात के सीन्स को काफी अच्छे से पेश किया गया है। बतौर निर्देशक हनी त्रेहन की यह पहली फ़िल्म थी और उन्होंने काफी अच्छे से फ़िल्म का निर्देशन किया है।
एक्टिंग
नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी को कोई भी किरदार दे दिया जाये वो उसमें जान फूंक देते हैं। उनकी एक्टिंग काफी रियलिस्टिक होती है और एक अलग छाप छोड़ती है। फ़िल्म में पुलिस वाले के किरदार में उन्होंने काफी अच्छी एक्टिंग की है।
राधिका आप्टे ने भी बेहतरीन काम किया है। अपने ग्लैमरस लुक को दरकिनार करते हुए सीधी सी लड़की का किरदार उन्होंने बखूबी निभाया है।
ईला अरुण ने माँ के किरदार को शानदार तरीके से पेश किया है। जिस तरह से एक लड़के की माँ बेटे से शादी की बात करती है। उसी तरह से उन्होंने पर्दे पर अपने किरदार को उतारा है। इसके अलावा श्वेता त्रिपाठी, निशांत दाहिया, शिवानी रघुवंशी और आदित्य श्रीवास्तव भी अपने किरदार में खूब जमे हैं।
कॉमेडी नहीं, सस्पेंस!
फ़िल्म 'रात अकेली है' सस्पेंस से भरी हुई फ़िल्म है। जिसमें अगर आप कॉमेडी या एक्शन देखना चाहेंगे तो निराश होंगे। फ़िल्म मर्डर मिस्ट्री है और उसके कई संदिग्ध हैं। इसी के ईर्द-गिर्द इसकी कहानी है। नवाज़ुद्दनी की एक्टिंग बेहद दमदार है और कहानी अंत तक सस्पेंस बनाकर रखती है। आपको आख़िर में ही पता चलेगा कि खूनी कौन था।
मर्डर मिस्ट्री कहानी होने के साथ फ़िल्म की गति थोड़ी धीमी है, आपको धैर्य के साथ देखना पड़ेगा। इसके अलावा फ़िल्म की कहानी और किरदारों की एक्टिंग काफी अच्छी है। सस्पेंस से भरी फ़िल्म 'रात अकेली है' आपको बोर नहीं करेगी इसे आप एक बार ज़रूर देख सकते हैं।
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