राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने महिला आरक्षण विधेयक पर बहस के दौरान संसद में ओमप्रकाश वाल्मिकी की लिखी कविता “ठाकुर का कुआं” पढ़ी थी। इससे बिहार के कई राजूपत नेता नाराज हो गए हैं। 

स्थिति यहां तक हो गई है कि बिहार की राजनीति इन दिनों इस कविता के कारण गर्म है। विभिन्न दलों के नेता इस पर बयान दे रहे हैं। महिला आरक्षण और जाति जनगणना को पीछे छोड़ कर अब बिहार में ठाकुर यानि क्षत्रिय जाति के मान सम्मान को लेकर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है।