बिहार में जाति सर्वेक्षण की रिपोर्ट आने के बाद इस मुद्दे पर चर्चा शुरू हो गयी है कि लोकसभा के अगले चुनाव (2024) में इसका फ़ायदा किसको होगा। एक तरफ़ विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में शामिल दलों ने जातियों की संख्या के हिसाब से रणनीति बनाने की तैयारी शुरू कर दी है तो दूसरी तरफ़ बीजेपी गठबंधन अभी दुविधा में दिखाई दे रहा है। राज्य में इंडिया गठबंधन की कमान पूरी तरह से पिछड़े नेता नीतीश कुमार और लालू/तेजस्वी यादव के हाथ में है जबकि बीजेपी अभी भी सवर्ण नेतृत्व के इर्द गिर्द घूमती है।