आरजेडी के मुखिया लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव भड़क गए हैं। तेज प्रताप यादव की सियासी अदावत प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से चल रही है। कुछ दिन पहले पटना में हुए छात्र आरजेडी के सम्मेलन में तेज प्रताप यादव ने जगदानंद सिंह को हिटलर कह दिया था और उसके बाद से ही जगदानंद पार्टी कार्यालय में नहीं आ रहे थे।
लेकिन जगदानंद सिंह जब बुधवार को कार्यालय पहुंचे तो उन्होंने धमाका कर दिया।
जगदानंद सिंह ने छात्र आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष आकाश यादव को हटाकर गगन कुमार को अध्यक्ष बना दिया। गगन कुमार को जगदानंद का क़रीबी माना जाता है। जगदानंद ने ये नियुक्ति करने से पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाक़ात भी की थी।
गगन कुमार की नियुक्ति से तेज प्रताप यादव बुरी तरह भड़क गए। उन्होंने ट्वीट कर बिना नाम लिए अपने बड़े भाई तेजस्वी यादव के सलाहकार संजय यादव पर हमला बोल दिया। तेज प्रताप ने लिखा, “प्रवासी सलाहकार से सलाह लेने में अध्यक्ष जी ये भूल गए कि पार्टी संविधान से चलती है और आरजेडी का संविधान कहता है कि बिना नोटिस दिए आप पार्टी के किसी पदाधिकारी को पदमुक्त नहीं कर सकते...आज जो हुआ वो आरजेडी के संविधान के ख़िलाफ़ हुआ।”
जगदानंद के साथ आए तेजस्वी
तेजस्वी यादव ने भी जगदानंद का समर्थन करते हुए कहा कि यह प्रदेश अध्यक्ष का अधिकार होता है कि किस प्रकोष्ठ में किसे क्या जिम्मेदारी देनी है और जगदानंद सिंह को ऐसा कोई भी फ़ैसला लेने का पूरा अधिकार है।
तेजस्वी के जगदानंद सिंह का समर्थन करने से यह साफ हो गया है कि तेज प्रताप यादव की नाराज़गी का कोई बहुत मतलब आरजेडी में नहीं है। ऐसे में तमाम ख़बरनवीस तेज प्रताप के अगले सियासी क़दम को लेकर अटकलें लगा रहे हैं।
खोल चुके हैं मोर्चा
तेज प्रताप ने लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान भी नाराज़गी जताते हुए आरजेडी के ख़िलाफ़ ही मोर्चा खोल दिया था। उन्होंने नई पार्टी बना ली थी और इसका नाम लालू-राबड़ी मोर्चा रखा था। तेज़ प्रताप ने कहा था कि पार्टी पर कुछ लोगों ने क़ब्जा जमा लिया है।
तेज प्रताप ने कहा था कि उन्होंने आरजेडी से बिहार की शिवहर और जहानाबाद सीट देने की मांग की है और इसे नहीं सुना जा रहा है। हालांकि बाद में तेज प्रताप को मना लिया गया था। तेज प्रताप वर्तमान में विधायक हैं और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री भी रहे हैं।
उधर, लालू यादव भी जेल से रिहा होने के बाद सियासी सक्रियता बढ़ा रहे हैं और बीते दिनों में शरद पवार, मुलायम सिंह यादव से मुलाक़ात कर चुके हैं। जानकारों का कहना है कि लालू यादव के रहते हुए तेज प्रताप पार्टी से बग़ावत करने जैसा क़दम नहीं उठाएंगे।
अपनी राय बतायें