जय प्रकाश नारयण यानी जेपी की जयंती पर 11 अक्टूबर को बिहार में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिना नाम लिये एक-दूसरे पर खूब वार किये। शाह ने नीतीश पर सत्ता के लिए कांग्रेस की गोद में बैठकर बिहार के मुख्यमंत्री होने का आरोप लगाया तो नीतीश ने दावा किया कि जेपी उन्हें बहुत मानते थे और कहा कि आरोप लगाने वाले क्या जानें।

जय प्रकाश नारायण की विरासत को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अमित शाह में क्यों तलवारें तनी हैं? जानिए दोनों नेता जेपी के बारे में क्या दावे कर रहे हैं।
नीतीश ने शाह के अलावा नरेन्द्र मोदी का नाम लिये बिना उन्हें भी लपेटा और कहा कि प्रधानमंत्री को जेपी आंदोलन के बारे में क्या पता। नीतीश ने अपनी बात पटना के जिस कार्यक्रम में रखी उसका नाम था- ’जेपी की कहानी, नीतीश की जुबानी’ जबकि शाह जेपी की जन्मस्थली सिताब दियारा में आयोजित सभा में जेपी के शिष्यों को आड़े हाथों ले रहे थे। शाह ने जेपी के सिद्धांतों से जुड़ाव की कोशिश की तो नीतीश ने अपने जुड़ाव और भाजपा नेताओं से उनका नाता न होने की बात पर जोर दिया। नीतीश ने इस मौके पर महात्मा गांधी की हत्या की चर्चा भी छेड़ी।