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नीतीश ने दिया बीजेपी के ख़िलाफ़ 'भारी बहुमत' से जीतने का नुस्खा!

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी पर आज कई आरोप लगाए और उसके ख़िलाफ़ जीतने के लिए नुस्खा सुझाया। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने 2020 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन में होने के बावजूद जनता दल-यूनाइटेड के खिलाफ काम किया और कोशिश की कि उसके उम्मीदवार हार जाएँ। नीतीश जदयू के पूर्ण अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि 2024 में कोई तीसरा मोर्चा नहीं होगा और अगली बार जो बनेगा वह 'मुख्य मोर्चा' होगा। उन्होंने कहा कि यदि बीजेपी का विरोध करने वाली पार्टियाँ हाथ मिलाने पर सहमत हों तो 2024 के लोकसभा चुनाव में 'भारी बहुमत' से जीत सकती हैं।

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नीतीश का यह बयान तब आया है जब हाल ही में बिहार के कुढ़नी में हुए उपचुनाव में उनकी पार्टी जेडीयू को हार का सामना करना पड़ा है। राजद ने जेडीयू के लिए ये सीट छोड़ दी थी और महागठबंधन का एक ही उम्मीदवार था। बीजेपी ने जीत दर्ज की। हालाँकि आज सम्मेलन को संबोधित करते हुए नीतीश ने हाल में उपचुनाव में मिली हार को ज्यादा महत्व नहीं दिया और विपक्षी दलों को एकजुट होने पर जोर दिया।

नीतीश कुमार ने हाल ही में कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात की है, और वह आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा को चुनौती देने के लिए समान विचारधारा वाले दलों का गठबंधन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि वह अपने लिए भी एक राष्ट्रीय भूमिका तलाश रहे हैं, हालाँकि उन्होंने प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षाओं से इनकार किया है।

बहरहाल, नीतीश बीजेपी के ख़िलाफ़ इसलिए अब मुखर नज़र आ रहे हैं क्योंकि जेडीयू मानता है कि बीजेपी ने उसको धोखा दिया। नीतीश ने भाजपा पर 2020 के विधानसभा चुनावों में उस समय गठबंधन में होने के बावजूद जदयू के खिलाफ काम करने का भी आरोप लगाया। 
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किसी पार्टी का नाम लिए बगैर उन्होंने अपने पूर्व सहयोगी पर निशाना साधा। उन्होंने इशारों में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, 

उन्हें याद दिलाना चाहिए कि इससे पहले कभी भी हमारी पार्टी ने 2005 या 2010 के विधानसभा चुनावों में कम सीटें नहीं जीती थीं। 2020 में हमें नुक़सान उठाना पड़ा क्योंकि उन्होंने हमारे उम्मीदवारों की हार सुनिश्चित करने की कोशिश की।


नीतीश कुमार, बिहार के मुख्यमंत्री

बता दें कि जदयू आरोप लगाता रहा है कि भाजपा ने तब लोजपा प्रमुख चिराग पासवान की मदद से विधानसभा चुनाव में साज़िश रची थी। तब पासवान ने नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। बहरहाल, नीतीश ने कहा कि वह फिर से मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे, लेकिन भाजपा के आग्रह पर पद स्वीकार करने पर सहमत हुए थे।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार नीतीश कुमार ने मीडिया पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें कुछ चीजों की रिपोर्ट करने की अनुमति नहीं है, लेकिन उनके पास हर चीज का रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा, 'एक बार जब वे सत्ता से बाहर हो जाएंगे, तो मीडिया यह सब प्रकाशित करेगा।'

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क़मर वहीद नक़वी
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