बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है जिनमें यह कहा जा रहा था कि वह एनडीए के उम्मीदवार को समर्थन देंगे या नहीं। नीतीश कुमार ने बुधवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें फ़ैसले की जानकारी देने के लिए फोन किया था।
हाल के दिनों में बिहार में जेडीयू के गठबंधन की सहयोगी पार्टी बीजेपी से मनमुटाव की ख़बरों के बीच ये अटकलें लगाई जा रही थीं कि नीतीश एनडीए के उम्मीदवार का समर्थन नहीं भी कर सकते हैं। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ नीतीश कुमार को लेकर ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि वे विपक्षी दलों के उम्मीदवार का भी समर्थन कर सकते हैं।
बीजेपी ने मंगलवार को झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के नाम की घोषणा 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए के उम्मीदवार के रूप में की है। मुर्मू को उम्मीदवार बनाकर सत्तारूढ़ बीजेपी ने आदिवासी समाज को एक संदेश दिया है। इसका फायदा पार्टी को 2024 के लोकसभा चुनाव में मिल सकता है। यही फायदा नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू को भी नज़र आ रहा होगा।
नीतीश कुमार ने एक बयान में कहा है, 'हम भारत के राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी पर खुश हैं। वह एक आदिवासी महिला हैं और यह बहुत खुशी की बात है कि एक आदिवासी महिला देश में सर्वोच्च पद की उम्मीदवार हैं। उन्होंने ओडिशा सरकार में एक मंत्री के रूप में अच्छा प्रदर्शन किया और झारखंड के राज्यपाल के रूप में उनकी भूमिका भी सराहनीय थी।'
जदयू नेता नीतीश कुमार का बयान अहम है क्योंकि उन्होंने 2012 में यूपीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी के पक्ष में मतदान किया था, जबकि वह एनडीए में थे, और 2017 में बीजेपी के रामनाथ कोविंद को वोट दिया था, जबकि उनकी पार्टी महागठबंधन का हिस्सा थी।
बता दें कि राष्ट्रपति के चुनाव के लिए 18 जुलाई को मतदान होगा जबकि नतीजे 21 जुलाई को आएंगे। नामांकन की अंतिम तारीख 29 जून है। मुर्मू ओडिशा की आदिवासी समुदाय से आती हैं, जो पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ेंगी। यशवंत सिन्हा को विपक्षी उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया है।
विपक्षी दलों की ओर से जारी संयुक्त बयान में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों से भी अपील की गई है कि वे यशवंत सिन्हा के नाम का समर्थन करें जिससे देश में राष्ट्रपति का चुनाव निर्विरोध हो सके। जयराम रमेश ने कहा कि मोदी सरकार ने राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार के चयन को लेकर आम सहमति बनाने के लिए कोई भी गंभीर प्रयास नहीं किया।
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