दो साल पहले महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण जब 50 फ़ीसदी से ज़्यादा हुआ तो सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था। आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण वर्गों के लिए 10 फीसदी आरक्षण के लिए संसद में क़ानून बनाना पड़ा। तमिलनाडु में 50 फ़ीसदी से ज़्यादा आरक्षण संविधान में एक संशोधन के तहत दिया गया है। तो सवाल है कि बिहार में 50 फ़ीसदी से ज़्यादा आरक्षण क्या संभव है? क्या सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय नियमों के तहत बिहार में 65 फीसदी जातिगत सर्वेक्षण मान्य हो पाएगा?
नीतीश कुमार 65 फ़ीसदी जातिगत आरक्षण को लागू कैसे कर पाएँगे?
- बिहार
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- 8 Nov, 2023
नीतीश कुमार ने सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर जातिगत आरक्षण 65 फीसदी देने की घोषणा तो कर दी, लेकिन क्या सुप्रीम कोर्ट की तय 50 फीसदी की सीमा आड़े नहीं आएगी?

इस सवाल का जवाब जानने से पहले यह जान लें कि नीतीश कुमार ने क्या कहा है। बिहार के मुख्यमंत्री ने बिहार जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट को विधानसभा और परिषद में पेश करने के बाद कहा कि वह कोटा बढ़ाने के पक्ष में हैं। और उसके कुछ देर बाद ही राज्य कैबिनेट ने कोटा को 65 प्रतिशत तक बढ़ाने का फ़ैसला कर लिया। 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस कोटा जोड़ने पर यह 75 प्रतिशत हो जाएगा। अब रिपोर्ट है कि मौजूदा विधानसभा सत्र में आरक्षण विधेयक लाए जाने की पूरी संभावना है।