नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में मंगलवार को हुए पहले विस्तार में उन सब बातों का ख्याल रखा गया है जो बिहार की राजनीति में जरूरी मानी जाती हैं। जैसे क्षेत्र और जाति का प्रतिनिधित्व। जो बात चौंकाने वाली थी, वह यह थी कि कुछ चर्चित नामों को अंतिम समय में मंत्री पद नहीं मिल पाया।
यह जरूर है कि भाजपा की जगह आरजेडी और कांग्रेस के सरकार में शामिल होने के कारण मुसलमानों का कैबिनेट में प्रतिनिधित्व बढ़ा है।
यह बात भी ध्यान देने की है कि शाहनवाज हुसैन के मंत्री पद से हटने के कारण भाजपा के लिए इस बात का जवाब देना मुश्किल होगा कि देश भर में उसके कोटे से कितने मुसलिम मंत्री हैं।
कांग्रेस में असंतोष
कांग्रेस के 19 विधायकों में से महज दो को मंत्री पद दिये जाने से कांग्रेस में असंतोष बताया जा रहा है क्योंकि उनके कार्यकताओं को कम से कम चार मंत्री पद की उम्मीद थी। इस वजह से कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्तचरण दास के सामने नारेबाजी की बात भी सामने आयी है।
आरजेडी की ओर से मंत्री बनने वाले बेलागंज, गया के विधायक सुरेन्द्र प्रसाद यादव की छवि दबंग वाली रही है। उनके मंत्री बनने से निश्चित रूप से भाजपा के पास नीतीश सरकार पर हमला करने का एक बड़ा मौका हाथ लग गया है। मंत्री बनने वाले एकमात्र निर्दलीय विधायक सुमित सिंह का मंत्री पद बरकरार रहा है।
ऐसा माना जा रहा है कि वे अपने पिता स्वर्गीय नरेन्द्र सिंह की नीतीश कुमार से निकटता के कारण मंत्री बने हैं।
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नीतीश कुमार से बेहद मधुर संबंध रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के ‘हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा-सेकुलर’ से उनके बेटे विधान पार्षद संतोष कुमार सुमन का मंत्री पद भी बरकरार रहा है। दोनों- सुमित और संतोष- पिछली एनडीए सरकार में भी मंत्री थे।
नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के जो 11 लोग मंत्री बने हैं, उनमें कोई चौंकाने वाली बात नहीं है। विधायकों की संख्या के लिहाज से यह संख्या अधिकतम मानी जा रही है क्योंकि चार विधायकों पर एक मंत्री के फाॅर्मूले के लिहाज से उसके इतने ही मंत्री बनते हैं। यह तब है जबकि भाकपा-माले ने मंत्रिमंडल में शामिल होने से इनकार कर दिया है।
दूसरी ओर आरजेडी से 16 विधायक मंत्री बने हैं और उसके पास अब भी कम से कम दो-तीन मंत्री बनाने का विकल्प है। मनेर से आरजेडी विधायक भाई वीरेन्द्र के मंत्री बनने की जोरदार चर्चा थी लेकिन अंतिम समय में उनकी जगह रामानंद यादव को मंत्री पद की शपथ दिलायी गयी।
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शकील अहमद का नाम कटा
कांग्रेस से जेएनयू के पूर्व छात्र नेता कदवा, कटिहार के विधायक शकील अहमद खान का नाम मंत्री पद के लिए काफी चर्चा में था लेकिन अंतिम समय में आफाक आलम को उनकी जगह शपथ दिलायी गयी। आफाक आलम पिछली बार इस बात के कारण चर्चा में आये थे कि उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के एकमात्र बचे विधायक अख्तरुल ईमान की विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत कर उन्हें विधानसभा की अल्पसंख्यक मामलों की समिति से बाहर करवा दिया था।
उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बड़े भाई तेज प्रताप यादव को भी दूसरी बार मंत्री बनने का मौका मिला। पिछली बार 2015 में वे स्वास्थ्य मंत्री बनाये गये थे। इस बार वे पर्यावरण मंत्री बनाये गये हैं।
हमलावर रहेगा विपक्ष
मंत्रिमंडल के गठन के साथ ही सरकार को दो तरफा हमलों का सामना करना पड़ सकता है। एक तरफ तो भाजपा जैसी मजबूत विपक्षी पार्टी सरकार को हर कदम पर घेरने को तैयार होगी तो दूसरी ओर बाहर से समर्थन देने वाली भाकपा-माले भी सरकार से सवाल करने से नहीं चूकेगी।
- नीतीश कुमार (मुख्यमंत्री) - सामान्य प्रशासन, गृह, मंत्रिमंडल सचिवालय, निगरानी, निर्वाचन और ऐसे सभी विभाग जो किसी को आवंटित नहीं हैं।
- तेजस्वी प्रसाद यादव (उप मुख्यमंत्री) - स्वास्थ्य, पथ निर्माण, नगर विकास एवं आवास, ग्रामीण कार्य
- विजय कुमार चौधरी- वित्त, वाणिज्य कर, संसदीय कार्य
- बिजेन्द्र प्रसाद यादव- ऊर्जा, योजना एवं विकास
- आलोक कुमार मेहता- राजस्व एवं भूमि सुधार
- तेज प्रताप यादव- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन
- मो. आफाक आलम- पशु एवं मत्स्य संसाधन
- अशोक चौधरी- भवन निर्माण
- श्रवण कुमार- ग्रामीण विकास
- सुरेन्द्र प्रसाद यादव- सहकारिता
- डाॅ. रामानन्द यादव- खान एवं भूतत्व
- लेसी सिंह- खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण
- मदन सहनी- समाज कल्याण
- कुमार सर्वजीत- पर्यटन
- ललित कुमार यादव- लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण
- संतोष कुमार सुमन- अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण
- संजय कुमार झा- जल संसाधन, सूचना एवं जन-संपर्क
- शीला कुमारी- परिवहन
- समीर कुमार महासेठ- उद्योग
- चन्द्रशेखर- शिक्षा
- सुमित कुमार सिंह- विज्ञान एवं प्रावैधिकी
- सुनील कुमार- मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन
- अनिता देवी- पिछड़ा वर्ग एवं अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण
- जितेन्द्र कुमार राय- कला, संस्कृति एवं युवा
- जयन्त राज- लघु जल संसाधन
- सुधाकर सिंह- कृषि
- जमा खान- अल्पसंख्यक कल्याण
- मुरारी प्रसाद गौतम- पंचायती राज
- कार्तिक कुमार- विधि
- शमीम अहमद- गन्ना उद्योग
- शाहनवाज- आपदा प्रबंधन
- सुरेन्द्र राम- श्रम संसाधन
- मोहम्मद इसराईल मंसूरी- सूचना प्रावैधिकी
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