पटना उच्च न्यायालय की 11 न्यायाधीशों की एक बेंच ने गुरुवार को साथी न्यायाधीश जस्टिस राकेश कुमार के उस आदेश को निलंबित कर दिया जिसमें उन्होंने एक अग्रिम ज़मानत मामले पर फ़ैसला सुनाते हुए न्यायपालिका में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का आरोप लगाया था। बेंच ने कहा कि इस आदेश से न्यायपालिका की गरिमा और प्रतिष्ठा गिरी है, संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति से ऐसी अपेक्षा नहीं होती है। बता दें कि न्यायमूर्ति राकेश कुमार ने एक फ़ैसले में लिखा था, ‘लगता है हाईकोर्ट प्रशासन ही भ्रष्ट न्यायिक अधिकारियों को संरक्षण देता है।’
जज बोले- कोर्ट में भ्रष्टाचार, 11 जजों की बेंच ने आदेश निलंबित किया
- बिहार
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- 30 Aug, 2019
पटना उच्च न्यायालय की 11 न्यायाधीशों की एक बेंच ने न्यायमूर्ति राकेश कुमार के उस आदेश को निलंबित कर दिया जिसमें उन्होंने न्यायपालिका में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का आरोप लगाया था।

बेंच ने कहा कि न्यायमूर्ति कुमार का आदेश, ‘न्यायपालिका में जनता के विश्वास को डिगाने वाला है और इसके सम्मान को उस हद तक कम करने वाला है जिसे अवमानना भी माना जा सकता है’।
न्यायमूर्ति कुमार बुधवार को सरकारी पैसे के दुरुपयोग करने के आरोपी पूर्व आईएएस अधिकारी केपी रमैया की अग्रिम ज़मानत याचिका की सुनवाई कर रहे थे। इस दौरान न्यायमूर्ति कुमार ने कहा कि वह ‘मूकदर्शक’ नहीं बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि वह अपने आदेश को उच्चतम न्यायालय, प्रधानमंत्री कार्यालय और क़ानून मंत्रालय को पंजीकृत डाक से भेजना चाहते हैं।