बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नाराज़गी के बाद जय प्रकाश नारायण विश्वविद्यालय ने सिलेबस से जेपी और लोहिया के हटाने के मामले में यू-टर्न ले लिया है। विश्वविद्यालय ने कहा है कि अगले सत्र से इन दोनों समाजवादी नेताओं से जुड़े अध्याय पहले की तरह ही शामिल किए जाएँगे। बिहार के राज्यपाल और विश्वविद्यालय के चांसलर फागू चौहान ने यह बयान जारी किया है। जेपी और लोहिया को फिर से सिलेबस में शामिल करने का यह फ़ैसला विश्वविद्यालय के वीसी के साथ बैठक में लिया गया।
नीतीश के ग़ुस्से के बाद जेपी यूनिवर्सिटी के सिलेबस में जेपी-लोहिया फिर शामिल
- बिहार
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- 10 Sep, 2021
जेपी यूनिवर्सिटी के सिलेबस में जेपी और लोहिया को अब अगले सत्र फिर से फिर से शामिल किया जाएगा। दोनों समाजवादी नेताओं से जुड़े अध्याय हटाने पर विवाद के बाद विश्वविद्यालय ने यह फ़ैसला लिया है।

पहले जय प्रकाश नारायण विश्वविद्यालय के एमए राजनीति शास्त्र के पाठ्यक्रम से जेपी और लोहिया को हटाए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। नीतीश कुमार ने खुद इसकी आलोचना की थी। नये सिलेबस में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसे नाम जोड़े गए हैं। यह मामला तब सामने आया था जब स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया की स्थानीय इकाई ने आपत्ति जताई। इसके बाद विपक्षी दलों के नेता भी सवाल उठाने लगे। तब शिक्षा मंत्री विनय कुमार चौधरी ने बताया था कि जयप्रकाश नारायण विश्वविद्यालय, छपरा के राजनीति विज्ञान के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम से लोकनायक जयप्रकाश नारायण एवं डॉ. राम मनोहर लोहिया के राजनीतिक विचार एवं दर्शन निकाले जाने को सरकार एवं शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लिया है।