loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
56
एनडीए
24
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
233
एमवीए
49
अन्य
6

चुनाव में दिग्गज

पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व

आगे

कल्पना सोरेन
जेएमएम - गांडेय

पीछे

गया : माओवादियों ने चार लोगों को फाँसी पर लटकाया

क्रांति के नाम पर माओवादी हिंसा और क्रूरता का एक उदाहरण बिहार के गया ज़िले में सामने आया है। माओवादियों ने एक कंगारू कोर्ट के फ़ैसले के बाद एक ही परिवार के चार लोगों को फाँसी की सजा दे दी और उनके घर को विस्फोटकों से उड़ा दिया। 

'एनडीटीवी' के अनुसार, डुमरिया थाना क्षेत्र  के मोनबार गाँव में कथित जन अदालत में सुनवाई और फौरी फ़ैसले के बाद सत्येंद्र सिंह भोक्ता, मानवेंद्र सिंह भोक्ता और उन दोनों की पत्नियों को उनके घर के बाहर ही फाँसी पर लटका दिया गया और उनके घर को डाइनामाइट लगा कर उड़ा दिया गया। 

इसके पहले उनके घर के बाहर पोस्टर चिपकाया गया था, जिसमें कहा गया था कि चार माओवादियों अमरेश कुमार, सीता कुमार, उदय कुमार और शिवपूजन कुमार को ज़हर देकर मार दिया गया। इस कांड में त्येंद्र सिंह भोक्ता, मानवेंद्र सिंह भोक्ता और उन दोनों की पत्नियों की भूमिका थी और इस कारण उन्हें सज़ा दी जाएगी। 

ख़ास ख़बरें

फ़र्जी मुठभेड़

पिछले साल, मोनबार गाँव में एक पुलिस मुठभेड़ में चार माओवादी मारे गए थे, माओवादियों का कहना है कि यह फ़र्जी मुठभेड़ थी। उनका आरोप है कि इस घर के मालिक ने इन चार माओवादियों को ज़हर दे दिया और उसके बाद पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ कर चारों माओवादियों को मार दिया। 

पिछले साल फरवरी में माओवादियों ने गया ज़िले में एक पुल को उड़ा दिया था और पर्चा लगाा कर एनआरसी, सीएए और एनपीआर का विरोध किया था। 

gaya : maoist, naxals execute four after kangaroo court decision - Satya Hindi

माओवादी हिंसा की यह ख़बर ऐसे समय आई है जब महाराष्ट्र में पुलिस के साथ मुठभेड़ में कम से कम 26 माओवादी मारे गए। पुलिस का कहना है कि मारे गए माओवादियों की पहचान अब तक नहीं हो सकी है। मुठभेड़ तब हुई जब पुलिस कमांडो की टीम जंगलों में तलाशी अभियान चला रही थी। 

पुलिस ने दावा किया है कि गढ़चिरौली पुलिस के लगभग 100 इलीट सी-60 कमांडो ने ऑपरेशन को अंजाम दिया, लेकिन 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि सी-60 कमांडो के 16 दल थे जिनकी कुल संख्या 500 से अधिक थी।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

बिहार से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें