भले ही महाराष्ट्र, तमिलनाडु और दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामलों की तुलना में बिहार में संक्रमितों की संख्या बहुत कम दीख रही है, लेकिन स्थिति इन राज्यों से कम विस्फोटक नहीं है। संक्रमण के मामले कम होने का शायद सबसे बड़ा कारण जाँच कम होना है क्योंकि राज्य में पॉजिटिव रेट काफ़ी ज़्यादा है। पॉजिटिव रेट यानी जितने लोगों की टेस्टिंग की गई उनमें से संक्रमित आने वालों की दर।
कोरोना: बिहार के लिए बड़ी चिंता- कम टेस्टिंग लेकिन ज़्यादा पॉजिटिविटी दर
- बिहार
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- 17 Jul, 2020
महाराष्ट्र, तमिलनाडु और दिल्ली में की तुलना में बिहार में संक्रमितों की संख्या बहुत कम दीख रही है, लेकिन स्थिति इन राज्यों से कम विस्फोटक नहीं है। राज्य में टेस्टिंग कम हुई है लेकिन राज्य में पॉजिटिव रेट काफ़ी ज़्यादा है।

अब बिहार में कोरोना संक्रमण की स्थिति का अंदाज़ा इससे भी लगाया जा सकता है कि राज्य में फिर से संपूर्ण लॉकडाउन किया गया है। यह 31 जुलाई तक रहेगा।