चुनावी मौसम गुजरने के बावजूद बिहार में राजनीतिक पारा गर्म है। लोक जनशक्ति पार्टी में उठापटक चालू है। ताजा घटनाक्रम में चिराग पासवान को हटाकर पशुपति कुमार पारस को एलजेपी का नया अध्यक्ष चुना गया है। जबकि चिराग पासवान ने पार्टी के संविधान का हवाला देते हुए कहा है कि उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को ना तो संसदीय दल का नेता बनाया जा सकता है और ना ही वे पार्टी के अध्यक्ष हो सकते हैं। जाहिर तौर पर यह पार्टी और रामविलास पासवान की विरासत को हथियाने की लड़ाई है।

चुनावी मौसम गुजरने के बावजूद बिहार में राजनीतिक पारा गर्म है। लोक जनशक्ति पार्टी में उठापटक चालू है।
लगता है कि पहली बाजी पशुपति पारस ने जीत ली है। लेकिन बिहार की नब्ज समझने वाले कुछ पत्रकारों और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि एलजेपी के समर्थक चिराग को अपना स्वाभाविक नेता मानते हैं। जबकि पारस की कोई जमीनी पकड़ नहीं है।
लेखक सामाजिक-राजनीतिक विश्लेषक हैं और लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में असि. प्रोफ़ेसर हैं।