3 जून को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली स्पेशल बेंच ने मोदी सरकार को फटकारते हुए वैक्सीन नीति का पूरा हिसाब किताब देने का आदेश दिया था। राज्य सरकारों को वैक्सीन खरीदने का दबाव बनाने वाली नीति का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आम बजट में कोरोना से निपटने के लिए आवंटित 35 हजार करोड़ का वैक्सीनेशन के लिए इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया?

मोदी की वैक्सीन नीति पर एक आरोप यह लगता है कि मुफ्त और सस्ती दरों पर करोड़ों टीके विदेश भेजने वाला भारत अब दूसरे देशों से महंगे दाम पर वैक्सीन खरीद रहा है। इससे मोदी सरकार की विवेकहीनता और अदूरदर्शिता प्रकट होती है।
इसका ही नतीजा है कि सोमवार को शाम 7 बजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया। संबोधन में उन्होंने राज्य सरकारों पर पड़ने वाले बोझ को हलका करते हुए 21 जून से 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों को केन्द्र सरकार द्वारा मुफ्त वैक्सीन देने का ऐलान किया। मोदी ने वैक्सीन के उत्पादन पर भी बात की। उन्होंने पहले से उठ रहे कुछ सवालों के जवाब देने का भी प्रयास किया।
लेखक सामाजिक-राजनीतिक विश्लेषक हैं और लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में असि. प्रोफ़ेसर हैं।