नीतीश कुमार बिहार की राजनीति में बहुत सुनहरे सपने लेकर सत्ता में आए थे। विधानसभा चुनाव के पहले जब नीतीश कुमार जनता से वादा करते थे कि किसी बिहारी को भूख के कारण बिहार नहीं छोड़ने दूँगा। यह बहुत मार्मिक अपील थी। नीतीश उसके लिए बाक़ायदा कार्ययोजना बताते थे कि राज्य में सत्ता में आने पर विभिन्न इलाक़ों में कृषि से जुड़े क्लस्टर और विनिर्माण केंद्र बनाए जाएँगे। लोगों को स्थानीय स्तर पर रोज़गार दिए जाएँगे। आख़िरकार वह बिहार के लोगों को समझाने में सफल रहे। लालू प्रसाद के शासन से अकताए सवर्णों ने बीजेपी का दामन थाम लिया और नीतीश कुमार कुछ पिछड़ों और दलितों का वोट खींच लाए। बिहार में लालू प्रसाद के शासन का अंत हुआ और भाजपा-जदयू का शासन शुरू हो गया।
बीजेपी-जदयू ने डेढ़ दशक के शासन में ध्वस्त किए बिहारियों के सपने!
- बिहार
- |
- |
- 9 Oct, 2020

नीतीश कुमार बिहार की राजनीति में बहुत सुनहरे सपने लेकर सत्ता में आए थे। विधानसभा चुनाव के पहले जब नीतीश कुमार जनता से वादा करते थे कि किसी बिहारी को भूख के कारण बिहार नहीं छोड़ने दूँगा। लेकिन उस सपने का क्या हुआ?