पिछले हफ्ते रामनवमी और उसके बाद हुई हिंसा के बाद बिहार में माहौल तो शांत होता
दिख रहा है लेकिन राजनीति तेज होती जा रही है। अब तक काफ़ी हद तक मौन रहे
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को हमलावर दिखे। नीतीश कुमार ने राज्य में हुई
सांप्रादायिक हिंसा के लिए अपने पूर्व सहयोगी बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है।
नीतिश कुमार ने कहा कि यह यह हिंसा, अगले साल होने वाले
चुनाव में मतदाताओं का धुर्वीकरण करने के लिए कराई गई थी।
नीतिश कुमार ने सरकार और प्रशासन का बचाव करते हुए
कहा कि हिंसा रोकने में किसी भी प्रकार की प्रशासनिक ढिलाई नहीं बरती गई थी। दंगे
जानबूझकर कराये गए और इनके पीछे किन लोगों का हाथ है जल्द ही पता चल जाएगा। इसके
लिए घर-घर तलाशी ली जा रही है। यह सब सरकार चला रहे और उसके एजेंट की साजिश है।
बिहार की राजनीति में माना जा रहा कि नीतीश का इशारा शासक के तौर पर बीजेपी की ओर है और एजेंट के तौर
असदुद्दीन ओवैसी उनके निशाने पर हैं।
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मध्य बिहार के दो शहरों सासाराम और बिहार शरीफ में 25 मार्च को सांप्रादायिक हिंसा भड़की थी। यह हिंसा उस समय हुई जब हिंदूओं के एक गुट ने राम नवमी मनाने के लिए जुलूस निकाला। मुस्लिम इलाकों
से गुजरते समय हिंसा भड़क गई। इसमें कई लोग घायल हुए तथा कई दुकानों और गाड़ियों
को आग के हवाले कर दिया गया था।
नीतिश कुमार ने कहा कि हिंसा की पूरी योजना पहले से
बनाई गई थी, और इसके लिए
सासाराम शहर इसलिए चुना गया क्योंकि अगले रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह
वहां जाने वाले थे। बिहार शरीफ के संदर्भ में नीतिश कुमार नें कहा कि यह उनका घर
है, और भाजपा उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रही है।
सरकार ने हिंसा को रोकने के लिए तत्परता से कार्रवाई
की। इसमें कुछ दोषियों के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया गया है। नीतिश कुमार ने कहा कि अमित शाह को यह नहीं भूलना चाहिए कि जब वे सहयोगी थे, तब उनकी सरकार को केंद्रीय
मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के बेटे अरिजीत शाश्वत को 2018 में रामनवमी जुलूस के
दौरान भागलपुर में सांप्रदायिक दंगे भड़काने के आरोप में गिरफ्तार करना पड़ा था।
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नीतिश कुमार ने पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व
प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को याद करते हुए कहा कि वे अपने उदार विचारों के
लिए जाने जाते थे, इसलिए उन्होंने
गुजरात दंगो के लिए नरेंद्र मोदी और अमित शाह की आलोचना भी की थी।
रामनवमी और उसके बाद देश के कई राज्यों में
सांप्रदायिक हिंसा हुई। इसमें सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल और बिहार प्रभावित
हुए। हिंसा प्रभावित राज्यों के प्रमुखों ने इसका आरोप बीजेपी पर लगाया है। कई दिनों तक चुप्पी साधे
रखने के बाद बुधवार को नीतिश कुमार ने भी हिंसा का आरोप बीजेपी पर लगाया। नीतिश
कुमार इस समय कांग्रेस और आरजेडी के साथ मिलकर बिहार की सरकार चला रहे हैं। लेकिन
उन्होंने अपने मुख्यमंत्री काल का सबसे ज्यादा समय बीजेपी के साथ ही बिताया है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार
के बाद अब उपमुख्यमंत्री तेजस्वी
यादव ने बुधवार को कहा कि रामनवमी के दौरान राज्य में हुई हिंसक झड़पों और दंगों के
लिए एक 'सुनियोजित साजिश' की गई है। जो भी इसमों शामिल
हैं सरकार उनपर सख्त कार्रवाई करेगी। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि,
'मैंने मुख्यमंत्री और डीजीपी से मुलाकात की और
उन्होंने मुझे कहा कि जो भी लोग इसमें शामिल हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
तेजस्वी ने कहा कि हम देख रहे हैं कि बिहार को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। पहले बिहार को तमिलनाडु के लोगों से लड़ाने की कोशिश की गई और अब ये दंगे। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी बिहार में हुई हिंसा को लेकर
बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि बीजेपी दंगे करवाती है। सरकार इसकी जांच कर रही
है। जो भी इसमें शामिल हैं, उनको छोड़ा नहीं जाएगा।
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